दिया संतोषजनक मुआवजा
Udaipur. बी. एन. कॉलेज के छात्र जयपालसिंह की चाकुओं से गोदकर हत्या के मामले में हालांकि दूसरे दिन भी माहौल तनावपूर्ण रहा लेकिन जिला प्रशासन, पुलिस एवं मौतबिरों के अच्छे समन्वय के चलते छात्र का शव यहां से पैतृक गांव रवाना कर दिया गया। इससे पूर्व कहीं कहीं इक्का दुक्की जगह पुलिस को छात्रों को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग भी करना पड़ा था।
उल्लेखनीय है कि बी. एन. कॉलेज के छात्र जयपालसिंह राठौड़ की पुराने विवाद को लेकर कतिपय छात्रों ने चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी थी। इसके विरोध में कॉलेज छात्र भी आक्रोशित हो गए तथा उदयपुर बंद तक का आह्वान कर दिया लेकिन बीच में जिला कलक्टर विकास भाले, पुलिस अधीक्षक हरिप्रसाद शर्मा, मनोहरसिंह कृष्णावत सहित क्षत्रिय महासभा के प्रतिनिधियों की मध्यस्थता के कारण न सिर्फ उदयपुर बंद का आह्वान वापस ले लिया गया बल्कि शांतिपूर्ण ढंग से छात्र का शव उसके गांव रवाना कर दिया गया।
इससे पहले सुबह से छात्रों में आक्रोश था। पुलिस ने सुबह तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था वहीं अन्य फरार थे। मंगलवार को पुलिस अधीक्षक शर्मा के निवास पर जिला कलक्टर भाले, बी. एन. के पूर्व प्रबंध निदेशक मनोहरसिंह कृष्णावत, प्रबंध निदेशक निरंजन नारायण सिंह, बी. एस. कानावत, मृतक के चाचा मानवेन्द्रसिंह राठौड़ के बीच वार्ता हुई। वार्ता में उचित मुआवजा राशि देने के साथ सुविवि कुलपति प्रो. आई. वी. त्रिवेदी ने मृतक के बड़े भाई को नौकरी देने के राज्य सरकार की ओर से मिले आश्वासन की जानकारी दी। और आरोपी छात्रों को विश्वविद्यालय से निष्कासित करने के लिए भी आश्वस्त किया। इसके बाद सभी मोर्चरी आए जहां युवाओं से समझाईश की गई। बडे़ बुजुर्गों की समझाईश के बाद चिकित्सकों ने पोस्टमार्टम किया और दोपहर करीब 12 बजे शव लेकर अंतिम संस्कार के लिए रवाना हुए। इसके बाद आक्रोशित कुछ युवा कोर्ट चौराहे पर एकत्र हुए और रास्ता जाम कर दिया। हंगामे की जानकारी मिलने पर पुलिस जाब्ता मौके पर पहुंचा और लाठियां भांजकर छात्रों को तितर बितर किया। उधर छात्रों ने फिर भूपालपुरा थाने का घेराव किया और आरोपियों की मांग की। वहां से भी पुलिस ने इन्हें खदेड़ा। फिर युवा बी. एन. कॉलेज के बाहर एकत्र हो गए और वाहनचालकों से अभद्रता की। वहां डिप्टी अनंत कुमार के नेतृत्व में जाब्ता पहुंचा और बल प्रयोग किया। जिसको जहां जगह मिली, वह वहीं दुबक गया।
हालांकि मुआवजे के तौर पर छात्र को मिली रकम का किसी ने खुलासा नहीं किया लेकिन दुर्घटना बीमा, जिला कलक्टर की घोषणा अनुरूप मुख्यमंत्री कोष से 50 हजार सहित अन्य सहयोग से संतोषप्रद रकम जुटाकर छात्र के परिजनों को दे दी गई। बी. एन. कॉलेज के पूर्व प्रबंध निदेशक मनोहरसिंह कृष्णाटवत ने पूरे मामले में मानवीयता के तौर पर जिला कलक्टर विकास भाले एवं पुलिस अधीक्षक हरिप्रसाद शर्मा की सराहना करते हुए कहा कि दोनों अधिकारियों ने काफी सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए मामले को संभाला। बी. एन. संस्थान में बुधवार सुबह 10 बजे शोकसभा रखी गई है।