udaipur. राष्ट्रसंत डॉ. वसंत विजय महाराज की निश्रा में आज आयड़ महातीर्थ में भगवान पार्श्वनाथ का जन्म धूमधाम से मनाया गया। जिसमें बच्चें से लेकर वृद्ध तक के हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लेकर नाचते गाते हुए ने भगवान जन्म दिन हर्षोल्लास के साथ मनाया।
इस अवसर पर डॉ. वसंत विजय महाराज ने कहा कि भगवान पाश्र्वनाथ की माता वामा को 14 स्वप्न आये और इसके पश्चात उन्होनें पुत्र के रूप में भगवान पाश्र्वनाथ को जन्म दिया। उन्होनें बताया कि भगवान पाश्र्वनाथ के पिता राजा अश्वसेन थे। इस अवसर पर गुरुदेव डॉ. वसंत विजय म. सा. ने इन 14 स्वप्रों का विवरण बताया।
उन्होनें बताया कि उस समय प्रभु के जन्म पर किस तरह तीनों लोकों देवलोक, पाताललोक एवं भूलोक के निवासी एकजुट होकर राजा अश्वसेन के महल की ओर देखते हुए प्रभु के दर्शन करने हेतु बनारस नगरी की ओर प्रस्थान करते गए। भगवान पाश्र्वनाथ के जन्म पर राजा अश्वसेन ने खूब दान-पुण्य किये। प्रभु जन्मकल्याणक पर आज अट्ठम तप के दूसरे दिन की तपस्या के प्रत्याख्यान हुए।
जैन श्वेताम्बर महासभा के अध्यक्ष तेजसिंह बोल्या ने बताया कि विधिकारक अश्विन गुरुजी ने गुरुदेव डॉ. वसंत विजय महाराज की निश्रा में त्रिलोकीनाथ श्री शंखेश्वर पाश्र्वनाथ प्रभु का महापूजन कराया। जन्म दिवस पर श्रद्धालुओं के लिए बनाया गया पाण्डाल भी एकबारगी छोटा पड़ गया। प्रभु के जन्म के बारे में सुनने व उनके दर्शन हेतु हजारों की संख्या में जनमेदिनी उमड़ पड़ी।
कृष्णगिरी शक्तिपीठ के प्रचार-प्रसार विभाग के संयोजक देवीचन्द मुरलेचा ने बताया कि कल रात निम्बाहेड़ा नगरी में भैरव मण्डल द्वारा एक विशेष भक्ति का आयोजन रखा गया जिसमें विशेष रूप से गुरुदेव डॉ. वसंत विजय महाराज पधारे। वहां भी संगीतकार नरेन्द्र पाणी गोता ने भक्ति संध्या का आयोजन किया। इसमें करीब 13 हजार से अधिक श्रोताओं ने कड़ाके की सर्दी में भक्ति भाव से भाग लिया। कार्यक्रम रात्रि दो बजे तक चला जिसमें गुरुदेव ने भैरव की महिमा कर उसके बारे में विस्तृत जानकारी दी। इसे सुनकर श्रोता भाव विभोर हो गए।
महासभा के मंत्री कलदीप नाहर ने बताया कि रात्रि में भगवान पाश्र्वनाथ के जन्मदिन पर भव्य भक्ति संध्या आयोजित की गई। जिसमें भक्तगणों ने देर रात्रि तक उसका आनन्द लिया। कार्यक्रम संयोजक प्रतापसिंह चेलावत ने बताया कि कल मंगलवार को अट्ठम तप के तीसरे दिन गुरूदेव भक्तामर व पार्श्व एकतिसा का पाठ करेंगे। तपागच्छ के उद्भव पर विशेष व्याख्यान देंगे।