पीसीसी से आए पर्यवेक्षक
Udaipur. कांग्रेस के प्रदेश पर्यवेक्षकों पंकज मेहता एवं पूर्व विधायक रमेशचंद्र पण्ड्या के समक्ष जहां एक ओर वीरेन्द्र वैष्ण्व गुट ने शहर जिलाध्यक्ष को हटाने की पुरजोर सिफारिश की वहीं तीन चार जनों ने शहर जिलाध्यक्ष के लिए अपनी दावेदारी भी जता दी। बताया गया कि पर्यवेक्षकों ने कहा कि कार्यकारिणी तय करने की बात है, जिलाध्यक्ष की नहीं।
सर्किट हाउस का नजारा सुबह से देखने लायक था मानों कोई मेला लगा था। कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भारी भरकम फौज सर्किट हाउस में जमा थी। उल्लेखनीय है कि एआईसीसी के निर्देश पर पीसीसी चीफ चन्द्रभान ने शहर जिला कांग्रेस की कार्यकारिणी को भंग कर दिया था। जिलाध्यक्ष नीलिमा सुखाडि़या का आरोप है कि पूर्व कार्यकारिणी सदस्य न तो उनके साथ आते हैं और न उन्हें काम करने देते हैं। जहां भी हो, हमेशा उनके विरोध में ही खडे़ रहते हैं।
उन्होंने कहा कि आज भी मैं पर्यवेक्षकों के पास मिलने गई तो सिर्फ अपनी बात कहने, न कि किसी की शिकायत करने। साथ ही पूर्व कार्यकारिणी के विवादित सदस्यों को नई कार्यकारिणी में शामिल नहीं करने की बात जरूर कही। सुखाडि़या ने कहा कि किराये के भवन में कार्यालय चल रहा था। जिसका भवन था, उसने अपने भवन की मांग की। इस पर उसका हक देना लाजमी था। रघुवीर मीणा व सुखाडि़या समर्थकों की खासी भीड़ से वैष्णकव गुट के कार्यकर्ता भी हक्के बक्के रह गए। दोनों के समर्थन में काफी नारेबाजी हुई।
इसके ठीक विपरीत जोशी गुट के वीरेन्द्र वैष्णव के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने पर्यवेक्षकों से मुलाकात की और सुखाडि़या को हटाने की मांग की। कांग्रेस के पुराने कार्यालय को हटाने तथा कार्यालय सुखाडि़या के घर से संचालित करने का आरोप लगाया। उधर गिरिजा गुट के गोपाल शर्मा (गोपजी) सहित त्रिलोक पूर्बिया, सुरेश श्रीमाली, पूर्व प्रतिपक्ष नेता के. के. शर्मा ने भी शहर जिलाध्यक्ष के लिए अपनी दावेदारी प्रस्तुत की।