Udaipur. राष्ट्रसंत डॉ. वसंत विजय महाराज की निश्रा में तीन दिन तक चली अट्ठम तप की आराधना के आज 800 से अधिक तपस्वियों के पारणा हुए। कार्यक्रम में लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ व मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री व योजना आयोग के बाबूलाल जैन भी मौजूद थे।
डॅा. वसंत विजय महाराज ने कहा कि निश्छल भाव से सेवा करने वाला व्यक्ति जीवन में कभी दुखी नहीं होता है। पारणा से पूर्व तपस्वियों ने भगवान पार्श्वनाथ मंदिर में पूजन किया। पांच दिन तक चले इस कार्यक्रम में देश के अनेक प्रान्तों सहित लन्दन, न्यूजर्सी, मेनचेस्टर, अमेरिका, कनाड़ा सहित अनेक देशों से हजारों की संख्या में भक्तगणों ने भाग लिया। गुरूदेव डॉ. वसंत विजय महाराज ने पाण्डाल में बैठे करीब 1500 से अधिक भक्तगणों से मां पद्मावती के एक हजार आठ नामों पर कुंकुंम अर्चना करवाई। इन सभी ने गुरूदेव द्वारा अभिमंत्रित और शक्तिपात युक्त कुंकुंम से गुरूदेव के नाम के उच्चारण के साथ मां पद्मावती के चरणों में चढ़ावाया गया। गुरूदेव ने इस कुंकुंम को जन मेदिनी को अपने घर ले जाकर प्रयोग करने की प्रेरणा भी दी।
समारोह में कार्यक्रम के लाभार्थी अहमदाबाद के यूके निवासी शाह सुमनलाल रमणलाल पाडग़ोल वाला परिवार की ओर से लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ का शॉल ओढ़ाकर, स्मृति चिन्ह प्रदान कर अभिनंदन किया गया। मेवाड़ ने कहा कि गुरूदेव ने कल मेवाड़ राजघराने के राजमहल में पधारकर उस भूमि को पावन कर दिया। इस अवसर पर संघ की ओर से लाभार्थी परिवार के नील का भी बहुमान किया गया। जैन श्वेताम्बर महासभा के अध्यक्ष तेजसिंह बोल्या ने कहा कि कार्यक्रम में सैकड़ों भक्तगणों ने भाग ले कर इस आयोजन को सफल बनाया। धन्यवाद मंत्री कुलदीप नाहर ने ज्ञापित किया। कार्यक्रम संयोजक प्रतापसिंह चेलावत ने लाभार्थी परिवार के प्रति आभार ज्ञापित किया कि उन्हीं के कारण आयड़ तीर्थ गुरूदेव के चरणों से पावन हो गया।