Udaipur. चेन्नई के व्यनवसाय प्रबंधन विशेषज्ञ जे. एम. राधाकृष्णाव ने कहा कि समय के साथ साथ औद्योगिक एवं व्यावसायिक परिदृश्यज में भी तेजी से बदलाव आया है। सामान्य उद्यमियों व नई पीढ़ी के युवा उद्यमियों को शैक्षणिक योग्यता के साथ व्यवसाय प्रबंधन के आधुनिक कौशल एवं नेतृत्व कला की जानकारी होना आवश्यणक है। ऐसा नहीं होने पर वे आज के व्यवसाय में आ रहे बदलाव के साथ स्वयं को नहीं ढाल पाने की स्थिति में असक्षम होकर व्यवसाय को भली भांति नहीं संभाल पाएंगे।
वे उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री द्वारा राणकपुर में ‘नेतृत्व विकास’ विषयक कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। नेतृत्व विकास के संदर्भ में राधाकृष्णा ने कहा कि नेतृत्व का गुण आनुवांशिक नहीं होता है एवं नेतृत्व कला को सीखना पड़ता है। अपने व्यावसायिक क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के व्यक्तियों को एक निश्चित लक्ष्य के लिये अभिप्रेरित करने हेतु अलग अलग प्रकार के नेतृत्व कौशल की आवश्योकता होती है। 1980 के दशक की फीचर फिल्म ‘एक रुका हुआ फैसला’ के माध्यम से राधाकृष्णाह ने प्रतिभागियों को जानकारी दी कि किस प्रकार हमारा पारिवारिक परिवेश, सामाजिक माहौल, हमारी पृष्ठ0भूमि एवं जीवन में घटित घटनाएं हमारे अवचेतन मन में इस प्रकार गहरा असर डालती है कि वे हमारे व्यावसायिक निर्णयों को भी प्रभावित करती है।
समूह वार्ता, एवं सामूहिक कार्यशाला के दौरान राधाकृष्णा द्वारा प्रतिभागियों को एक निश्चित निर्णय लेने के लिये समूह में उपस्थित अलग अलग व्यक्तियों को मनाये जाने की कला की जानकारी भी दी। संचालन मानद महासचिव आशीष छाबड़ा ने किया। अध्यक्ष महेन्द्र टाया ने स्वाागत भाषण दिया। कार्यशाला में यूसीसीआई के सक्रिय सदस्यों के साथ-साथ बड़ी संख्या में युवा सदस्यों ने भाग लिया।