जिले के तालाब विनाश के कगार पर
Udaipur. न्यायालय झीलों के संरक्षण पर कितने ही निर्देश दे लेकिन उदयपुर में निर्देशों की खुलेआम अवहेलना होती दिख रही है। रविवार को फतहसागर की पाल से सटकर निर्माण कार्य किया जा रहा था।
यह आरोप लगाया है झील संरक्षण समिति ने। समिति के सदस्यों ने बताया कि न्यायालय के वर्ष 2007 के आदेशों के बावजूद शहर के भूजल को रिचार्ज करने वाले छोटे तालाबों में मलबा डालकर प्लॉकटिंग हो रही है। समिति के अनिल मेहता ने बताया कि पाल की तकनीकी सुरक्षा का ख्याल किये बगैर खुले आम जेसीबी पाल से सट कर मिट्टी भराव व समतलीकरण में लगी थी। फतहसागर की पाल पर दोपहिया चारपहिया वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध है लेकिन निजी निर्माणकर्ताओं को पाल पर ट्रैक्टरों से निर्माण सामग्री लाने की खुली छूट है। उन्हों।ने बताया कि भुवाना स्थित अमरचंदिया तालाब, मंडोपा तालाब, झिन्जोला तालाब विनाश के कगार पर है। झील प्रेमियों ने छोटे तालाबों की भूमि व जल भराव क्षेत्र में जमीनों के नियमन होने को रोष जताया व इसे न्यायालय की अवमानना बताया। दल में डॉ तेज राजदान, अनिल मेहता, नन्दकिशोर शर्मा, तेजशंकर पालीवाल, इस्माइल अली, हाजी सरदार मोहम्मद, भंवरसिंह राजावत आदि सम्मिलित थे।