सफलता के लिए जाने ऐसा क्यों?
गिट्स के तत्वावधान में मैनेजमेन्ट गुरू एन. रघुरमन का सेमीनार
udaipur. शादी के समय दूल्हा घोड़ी पर ही क्यों बैठता है, हमें किस क्षेत्र में सफलता मिलेगी ये कैसे जाने, सफलता की कुंजी क्या है कुछ इसी तरह के रोचक उदाहरणों से सवालों का जवाब दिया प्रसिद्ध मैनेजमेन्ट गुरू एवं फिलोसोफर एन. रघुरमन ने। रघुरमन गीतांजली इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नीकल स्टडीज, डबोक के तत्वावधान में शुक्रवार को गीतांजली परिसर में आयोजित सेमीनार में भाग लेने आए थे। सेमीनार का विषय ‘वाय बिइंग एवरेज वेन यू कुड बी ग्रेट‘ था।
सेमीनार का शुभारंभ गीतांजली के वाइस चांसलर आर. के. नाहर, निदेशक बी. एल. खमेसरा, प्राचार्य ए. रमन, गीतांजली ग्रुप के सीईओ अंकित अग्रवाल ने दीप प्रज्जवलित कर किया। देश—विदेश के कई सेमीनारों में हिस्सा ले चुके मुख्य वक्ता मैनेजमेन्ट गुरु रघुरमन ने प्रतिभागियों को बताया कि मनुष्य में अच्छाई करने की भावना होना जरूरी है। अगर किसी व्यक्ति में अच्छाई करने की भावना है तो उसके मन में हमेशा अच्छे व सकारात्मक विचार ही उत्पन्न होंगे। सकारात्मक वातावरण बनेगा, अच्छी सोच बनेगी। हर सफल व्यक्ति की पीछे एक अच्छी सोच होती है। उन्होंने बताया कि किसी भी कार्य को करने से पहले यह जानना जरूरी है कि हम ऐसा क्यों करें। ऐसी सोच रखने से ही हम यह पता लगा सकेंगे कि उस कार्य के क्या परिणाम होंगे।
अलग सोच, मानवीय व्यवहार जरूरी : रघुरमन ने बताया कि हमेशा भविष्य के बारे में सोचकर अलग कार्य करने वाले ही दुनिया में अपना जलवा बिखेरते हैं। आधुनिक युग में कोई भी कार्य असंभव नहीं है। सिर्फ जरूरत है उस कार्य को करने के जज्बे व अच्छे वातावरण व अच्छी सोच की। उन्होंने बताया कि हमेशा व्यक्ति को यह जानना जरूरी है कि हम ऐसा क्यों करे। जब तक हम तार्किक रूप से यह नहीं जानेंगे कि ऐसा करने से यह होगा तब तक कार्य की महत्ता पता नहीं लगेगी। व्यक्ति में ज्ञान लेने की जिज्ञासा जरूरी है। रघुरमन ने कई प्रेरक वीडियो उदाहरणों से लोगों को सफल बनाने व अच्छा व्यक्ति बनने को प्रेरित किया। अंत में सवाल—जवाब का दौर चला। दर्शकों ने कई सवाल किए जिसका उन्होंने रोचक उदाहरणों से जवाब दिया।
40 मिनट की वॉक जरूरी : उन्होंने स्वस्थ व सफल बनने के लिए लोगों को बताया कि प्रतिदिन व्यक्ति को 40 मिनट पैदल चलना चाहिए व 20 मिनट तक ज्ञानवर्धन करना चाहिए। व्यक्ति को सोने से पहले पसंदीदा क्षेत्र की 17 मिनट तक की फिल्म भी देखनी चाहिए।