आचार्य सुकुमालनंदी का सानिध्य
Udaipur. आचार्य सुकुमालनंदी के सानिध्य में शान्तिनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर व सकल दिगम्बर जैन समाज के तत्वावधान में 24 फरवरी को अशोकनगर स्थित शान्तिनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर में शहर में पहली बार सप्तरंगी अभिषेक स्वर्ण-रजत कलशों द्वारा मान-स्तम्भ स्थित जिनबिंबो का महामस्तकाभिषेक कार्यक्रम होगा।
आचार्य सुकुमालनंदी ने यहां आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि रविवार को यहीं सुबह साढ़े 9 बजे से एक साथ 200 स्वर्ण, रजत बड़ा एंव छोटा,दिव्य कलश,ताम्र बड़ा एंव छोटा कलश के साथ इन्द्र-इन्द्रणियां अभिषेक करेंगी। त्रि-दिवसीय महामस्तकाभिषेक की शुरूआत 23 फरवरी से हो चुकी है। इसमें किसी भी धर्म के लोग भाग ले सकेंगे लेकिन मन, वचन से शुद्धि होनी चाहिए। अभिषेक करने वालों को उसी समय कलश एंव प्रशस्ति पत्र के साथ सम्मान किया जाएगा। अन्त में सभी को प्रभावना वितरित की जाएगी। सफल आयोजन के लिए 11 समितियों का गठन किया गया है। इससे पूर्व कलशधारी इन्द्र-इन्द्रणियों के साथ अशोकनगर में बैण्डबाजों के साथ एक जुलूस निकाला जाएगा।
आचार्य ने बताया कि 25 फरवरी को शांतिविधान का पूजन एवं हवन की पूर्णाहुति के साथ कार्यक्रम का समापन होगा। कलशधारियों में से ही कुछ लक्की विजेता स्वर्ण कलश से भरे जल से, दूध एंव सुगंधित जल से अभिषेक कर सकेंगे। इसके साथ लक्की ड्रा विजेताओं को कलश प्रदान किए जाएंगे। अशोकनगर शांतिनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर में सुबह 9 बजे से प्रवचन होंगे। 24 फवरी को सप्तरंगी अभिषेक का दृश्य एक अलग ही छटा बिखेरेगा। दक्षिण भारत के श्रवणबेलगोला में भगवान बाहुबलि की तर्ज पर यहां पहली बार विभिन्न रंगों के जल से अभिषेक का अनुष्ठान होगा। इसके अतिरिक्त विभिन्न मांगलिक दृश्योंब से भी अभिषेक होगा। अभिषेक गंधोदक के लिए एक विशेष प्रकार के कुण्ड का निर्माण किया गया है। जिसमें सम्पूर्ण प्रतिमाओं के अभिषेक जल समाहित होगा तथा कार्यक्रम पश्चात जनता इस जल को अपने घर ले जा सकेगी। आचार्य सुकुमालनंदी ने बताया कि अभिषेक करने से आत्मा के पाप रुपी मलों का प्रक्षालन होता है। पुण्यरूपी कर्मों का संचय होता है, कर्मों की निर्जरा होती है।
पांच प्रकार का अभिषेक : आचार्य ने बताया कि पांच प्रकार का अभिषेक होता है। जन्माभिषेक, राज्याभिषेक, दीक्षाभिषेक, जिनाभिषेक और समाधि अभिषेक। इसमें से यहां जिनाभिषेक होगा।