आचार्य सुकुमालनन्दी का बेदला में आज होगा मंगल प्रवेश
udaipur. आचार्य सुकुमालनन्दी गुरूदेव का 15 मार्च 2013 को बेदला गांव में विभिन्न कार्यक्रमों के साथ 20वां दीक्षा जयंति दिवस धूमधाम से मनाया जाएगा। 12 मार्च को आचार्य सुकुमालनन्दी ससंघ बेदला गांव में प्रात: 8.30 बजे से प्रवेश होगा।
बेदलावासियों ने अनेक तोरणद्वार व मालाओं से गांव को सजाया है। जगह- जगह आचार्यश्री का पाद प्रक्षालन व मंगल आरती उतारी जाएगी। चार दिवसीय इस समारोह की शुरूआत 12 मार्च से हो जाएगी। जिसके तहत रोजाना शाम को सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा। 12, 13,14 मार्च को रोजाना प्रात: प्रवचन होंगे। फतहसागर स्थित टाया पैलेस में आचार्यश्री सुकुमालनन्दीजी ने पत्रकारों को बताया कि 15 मार्च को 1020 युवाओं द्वारा व्यसन मुक्ति का संकल्प पत्र भरवाया जाएगा। सभी युवा आजीवन गुटखा, तम्बाकू, बीड़ी, सिगरेट, अफीम, चरस, गांजा, दारू, शराब आदि नशीली चीजों का त्याग करने का संकल्प लेंगे। अस्पतालों में फल वितरण, विकलांग, अनाथालय के बच्चों को भोजन करवाया जाएगा। सकल समाज का स्वामी वात्सल्य प्रीतिभोज भी 15 मार्च को प्रात: कार्यक्रम के बाद 11 बजे से रखा जाएगा।
15 मार्च को प्रात: शोभा यात्रा, पाद प्रक्षालन, जिनवाणी अर्पण, आचार्यश्री की अष्ट द्रव्य से पूजा, 36 नारियल का अघ्र्य समर्पण, आचार्य छत्तीसी विधान, बाहर से आये हुए अतिथियों का सम्मान, विद्वानों द्वारा विनयांजलि एवं आचार्यश्री का मंगल प्रवचन व अंत में 1020 दीपकों से आरती का भव्य अनुष्ठान 15 मार्च को सभा में लक्ष्मण वाटिका बेदला में आयोजित होगा। बेदला गांव के सेठ अम्बालाल गामडिय़ा व फतहलाल सिंघवी ने बताया कि इस आयोजन को लेकर बेदलावासियों में काफी उत्साह है। आचार्यश्री की इच्छा 15 मार्च को कोई अनुष्ठान नहीं कराने की थी लेकिन अत्यन्त अनुनय निवेदन के बाद ही संयम दिवस के रूप में मनाने की स्वीकृति प्रदान की। फतहसागर पाल पर पहली किसी सन्त ने जल संरक्षण व झीलों को प्रदूषण मुक्त करने के लिए इतनी गम्भीरता दिखाई है। आचार्यश्री ने स्वयं हजारों लोगों को झीलों में कूड़ा-कचरा नहीं डालने का संकल्प दिलाया व झीलों के घाट पर नहाने व कपड़े धोने का त्याग दिलवाया। आचार्यश्री से नगर विकास प्रन्यास के सदस्यों से चर्चा करते हुए बताया कि अभी भी झीलों के किनारे कचरा डालने के लिए पात्र एवं नहाने-धाने के लिए अलग से स्नानाघर बनवाने की अवश्यकता बताई। आचार्यश्री ने कहा कि झीलों को तुरन्त गन्दगी से मुक्त कराने की जरूरत है। सुकुमाल एकता मंच द्वारा एक पानी ठंडा गरम करने की मशीन व फिल्टर युक्त एक विशेष प्याऊ फतहसागर के आस-पास लगवाई जाएगी। आचार्य ने 11 तारीख को चौदस उपवास का पारणा कर झीलों की सुरक्षा हेतु मार्गदर्शन दिया। दिगम्बर अवस्था में भी अनेक प्रकार की सर्दी व ठंडी हवाओं के बीच आचार्यश्री ने प्रथम बार फतहसागर से उदयपुरवासियों को अच्छा सन्देश दिया।