कांग्रेस-भाजपा के बीच गुर्जरों की संकल्प यात्रा 31 से
कोसा भाजपा को, नहीं छोड़ा कांग्रेस को भी
Udaipur. पूर्व विधायक एवं गुर्जर नेता अतरसिंह भडाना ने कहा कि 4 अप्रेल को चारभुजा से प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे के नेतृत्वे में निकलने वाली सुराज संकल्प यात्रा में अगर गुर्जर आरक्षण सम्ब्न्धी हमें विश्वास में नहीं लिया गया तो गुर्जर इस बार के चुनाव में अपना कौशल दिखा देंगे। हम जीत नहीं सकते लेकिन जीत को प्रभावित तो कर ही सकते हैं। वे शुक्रवार को सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि यात्रा प्रदेश के उन 72 मुख्य स्थानों से गुजरेगी जहां एसबीसी में शामिल पांच जातियों का बहुल है। ये सीटें राजनीतिक तौर पर निर्णायक साबित होती हैं जो इस बार का चुनाव परिणाम भी पलटने में अपनी अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि पिछले 4 सालों से दोनों पार्टियां गुर्जर समाज को ठग रही हैं लेकिन कार्रवाई कोई नहीं कर रहा है। गहलोत ने ऐसा काम किया कि उनकी तरफ से हमें आरक्षण दे दिया लेकिन हमें अब तक नहीं मिला। मामला कोर्ट में विचाराधीन है। उधर भाजपा को चार साल तक हमारी याद नहीं आई। इससे पहले वसुंधरा के कार्यकाल में समाज ने अपने 72 बेटों को खोया है। उस समय वसुंधरा पर दबाव बनाया तो उन्होंने गुलाबचंद कटारिया की अध्यक्षता में एक समिति गठित कर दी लेकिन परिणाम वही.. ठनठन गोपाल। पीलूपुरा और सिकंदराबाद में गुर्जरों आंदोलन में कटारिया ने कहा था कि गुर्जरों से सख्ती से निपटा जाएगा और वही हुआ कि समाज को 72 बेटे खोने पड़े। उन्होंने कहा कि जब उत्तरप्रदेश में राजनाथसिंह के मुख्यमंत्रित्वकाल में ऐसा ही मामला हुआ तो उन्होंने पिछड़ा, अति पिछड़ा आदि वर्ग बनाकर आरक्षण दिया। उसे राजनाथ फार्मूला नाम दिया गया। क्यों नहीं वह फार्मूला राजस्थान में अपनाया जाता।
गुर्जर समाज के प्रमुख देवकीनंदन गुर्जर काका ने बताया कि इस संकल्प यात्रा के बाद 6-7 अप्रेल को जयपुर में चिंतन शिविर होगा जिसमें समाज के पंच परमेश्वर आगे की रणनीति तय करेंगे। प्रदेश के 72 स्थानों पर जाने वाली यात्रा 27 मई को जयपुर पहुंचेगी। साथ ही 27 मई को दूदू, निवाई, सिकंदरा और शाहपुरा से पदयात्रा निकाली जाएगी जो 31 मई के जयपुर पहुंचेगी। इस बार सिर्फ राजस्थासन का ही नहीं बल्कि देश का गुर्जर एक है। हम सिर्फ यह कह रहे हैं कि हमारी आरक्षण की मांग को गंभीरता से लें। इसे हल्के में लेकर हमें बहलाएं नहीं। इस दौरान समाज के श्याीमलाल गुर्जर, एम. एल. गुर्जर सहित कई नेता मौजूद थे।