Udaipur. किक बॉक्सिंग से महिला पुरुष आत्मदरक्षा के गुर तो सीख रहे हैं और एसोसिएशन हरसंभव सहायता भी कर रहा है लेकिन यह राज्यु सरकार से मान्येता प्राप्तै नहीं होने के कारण खिलाडि़यों को अन्य की भांति सरकारी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।
यह कहना है किक बॉक्सिंग एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष धीरेन्द्रसिंह सचान का। उन्होंथने यहां जारी एक बयान में कहा कि सरकारी लाभ नहीं मिलने से खिलाडि़यों का मनोबल गिर रहा हैं। सरकार को इस दिशा में खिलाडियों की खेल भावना का आदर करते हुए किक बॉक्सिंग को मान्यता दिलानी चाहिए। प्रदेश में ऐसे कई प्रतिभावान खिलाडी हैं जो अपने उत्कृष्टल खेल प्रदर्शन से प्रदेश का नाम देश व दुनिया में रोशन कर सकते हैं, परन्तु सरकार के सहयोग के बिना यह संभव नहीं है।
एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगत नागदा ने कहा कि किक बॉक्सिंग खेल को मान्यता नहीं होने के कारण आर्थिक दृष्टि से असक्षम खिलाडी अपने क्षेत्र से बाहर जाकर राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्द्धाओं में अपने खेल का उत्कृष्टड प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। प्रदेश सचिव विष्णु जोशी ने कहा कि एसोसिएशन सन 2000 से अब तक उदयपुर में 12 बार चौम्पियनशिप व 2011 में राष्ट्रीय चैम्पियनशिप करवा चुका हैं जिसमें एक बार राजस्थान की टीम राष्ट्रीय चैम्पियनशिप जीत चुकी है।