शिक्षक शिक्षा के पुर्नमूल्यांकन पर मंथन
देश विदेश के 400 से अधिक शिक्षाविद जुटेंगे
Udaipur. वैश्विक परिदृश्य में अध्यापक शिक्षा के बदलते स्वरूप तथा शिक्षा की आधारभूत अवधारणा में हो रहे परिवर्तन, उनमें आने वाली चुनौतियों पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीूय सेमिनार 13 अप्रेल से होगा। उदघाटन चांसलर प्रो. भवानी शंकर गर्ग करेंगे।
कुलपति प्रो. एस. एस. सारंगदवोत ने बताया कि लोकमान्य तिलक शिक्षण प्रशिक्षण की ओर से होने वाले इस अंतरराष्टीय सेमिनार में देश-विदेश से आने वाले शोधार्थी उनके देश में प्रचलित अध्यापक शिक्षा की नीतियों का तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत करेंगे। प्राचार्य तथा डीन डॉ. शशि चित्तौडा ने बताया कि अंतरराष्टीय कांफ्रेंस में देश विदेश से करीब चार सौ शोधार्थी भाग लेंगे। सेमीनार में मुख्य वक्ता अमेरिका के प्रो. स्टीव विस्ट्रो, प्रो. गोविन्द देसाई, प्रो. टी सुब्रहान, प्रो. अर्जन शाह, प्रा. ओ. पी देवल, प्रो. कमीसा ओस्मान, डॉ. रोहति सहित शिक्षाविद् शिरकत करेंगे। दस तकनीकी सत्रों में शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे।
यहां से आएंगे प्रतिभागी : आयोजन सचिव डॉ सरोज गर्ग ने बताया कि अमेरिका, न्यूजीलैंड, बर्मा, नेपाल, नाइजीरिया, भूटान, मलेशिया,जर्मनी तथा भारत के दिल्ली महाराष्ट्र , पंजाब, उत्तरप्रदेश, गुजरात, पटना, उत्तराखंड, चंडीगढ, हरियाणा, कोलकाता केर आदि राज्यों से भी प्रतिभागी आएंगे। आयोजन सचिव डॉ. सरोज गर्ग ने बताया कि सेमिनार में वैश्विक परिदृश्य में अध्यापक शिक्षा की आधारभूत अवधारणा में होने वाले परिवर्तन, पाठ्यक्रम संरचना, विभिन्न शिक्षण विधियां, विभिन्न देशों की अध्यापक शिक्षा की नीतियां, अध्यापक शिक्षा और मूल्य बोध तथा अध्यापक शिक्षा व उसमें विश्व स्तर पर होने वाले परिवर्तन तथा चुनौतियों पर चर्चा होगी।
तकनीकी सत्र : डॉ. गर्ग ने बताया कि इस अंतरराष्ट्रीय सेमीनार में दो दिनों में 31 तकनीकी सत्र, 7 प्लेनेरी सत्र तथा 24 समानान्तर सत्र चलेंगे जिसमें विभिन्न देशों में अध्यापक शिक्षा में होने वाले परिवर्तनों तथा भारत में अध्यापक शिक्षा में प्रचलित पद्धतियों, तकनिकियों तथा शिक्षण विधियों में मंथन किया जाएगा।