Udaipur. विख्यात कवि, आलोचक और संस्कृतिकर्मी अशोक वाजपेयी 16 अप्रैल को मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय सभागार में व्याख्यान देंगे। विश्वविद्यालय का हिन्दी विभाग प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर के सहयोग से मुनि जिनविजय की स्मृति में इस व्याख्यान का आयोजन कर रहा है।
अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो इन्द्रवर्धन त्रिवेदी करेंगे। आयोजन में मानविकी संकाय के पत्र ‘कंसर्न‘ के स्वर्ण जयंती विशेषांक का लोकार्पण भी किया जाएगा हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रो. माधव हाड़ा ने बताया कि सुबह 11 बजे शुरु होने वाले इस व्याख्यान का विषय ‘प्राचीनता की आधुनिकता’ रखा गया है। उन्होंने मुनि जिनविजय का परिचय देते हुए बताया कि उन्हें महात्मा गांधी ने प्राचीन भारतीय भाषाओं, साहित्य और संस्कृति के विशेष अध्ययन के लिए गुजरात विद्यापीठ में आमंत्रित किया था। मुनि पुरातत्व, भारतीय इतिहास, भारतीय धर्म और संस्कृति के गहन अध्येता थे। महात्मा गांधी के सम्पर्क में आने के बाद मुनि जिन विजय ने मुनि जीवन छोड़कर अपना शेष जीवन प्राचीन साहित्य के शोध, संरक्षण और संपादन में व्यतीत किया। उन्होंने करीब 200 ग्रंथों का संपादन किया। मुनि जिन विजय शांति निकेतन विश्वविद्यालय की जैन विद्यापीठ, गुजरात पुरातत्व मंदिर, भारतीय विद्या भवन और राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान के संस्थापक रहे। उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया।
प्रो. हाड़ा ने बताया कि वाजपेयी महात्मा गांधी हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा के संस्थापक कुलपति और ललित कला अकादमी के अध्यक्ष रहे हैं। वे भारत भवन के भी संस्थापक अध्यक्ष रहे हैं। हिन्दी और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में साधिकार लिखनेवाले अशोक वाजपेयी कई कविता संग्रह चर्चित रहे हैं। आपको फ्रांस सरकार ने ऑफिसर ऑव द ऑर्डर ऑव आटर्स एंड लेटर्स और पोलिश सरकार ने ऑफिसर ऑव द ऑर्डर ऑव क्रॉस से सम्मानित किया है।