सीसारमा वासियों में आक्रोश
Udaipur. विगत तीन-चार सदियों से पिछोला की सीमाओं के साक्षी रहे सीसारमा निवासियों ने नगर विकास प्रन्यास द्वारा बनाई जा रही रिंग रोड़ को पिछोला पेटे में अतिक्रमण बताया है।
सीसारमा गांव में झील संरक्षण समिति के तत्वावधान में हुई बैठक में पूर्व प्रधान रोशनलाल नागदा ने कहा कि राज्य सरकार की झील संरक्षण रीति-नीति का खुला उल्लघंन कर पिछोला झील के पश्चिम व दक्षिण दिशा में डूब एवं झील पेटा क्षेत्र में डामरीकृत सड़क का निर्माण कराया जा रहा है एवं झील पेटे में पार्क भी बनवाया जा रहा है, जिससे वहां मानवीय गतिविधियां बढ़ेगी। ट्रेफिक से वायु व ध्वनि प्रदूषण उत्पन्न होगा तथा धीरे-धीरे पिछोला झील का अस्तित्व ही समाप्त हो जायेगा। झील के पेटा व डूब क्षेत्र में निर्मित कराई जा रही सड़क हटवा कर पूर्व स्थिति बहाल करने का भी समस्त व्यय दोनों अधिकारी से व्यक्तिगत स्तर पर वसूल करना कानूनन अपेक्षित एवं उचित है।
बैठक में झील संरक्षण समिति के अनिल मेहता ने कहा कि रिंग रोड़ का निर्माण कतिपय बड़े भू व्यवसायियों की पेटे की जमीनों को झील से बाहर करने के लिये किया गया है। डा. मोहनसिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के सचिव नन्दकिशोर शर्मा ने कहा कि पेटे में बनी रिंग रोड़ से प्रवासी व देसी पक्षियों में प्रजनन व प्राकृतिक आवासों पर संकट पैदा हो गया है। चांदपोल नागरिक समिति के तेजशंकर पालीवाल ने कहा कि एनएलसीपी के नाम पर पिछोला झील की मूल सीमाओं को परिवर्तित करना एक गंभीर षड़यंत्र है। ज्वाला संस्थान के भंवरसिंह राजावत, झील हितेषी मंच के सरदार मोहम्मद व नूर मोहम्मद नागरिक रमेश नागदा ने कहा कि क्षैत्र के मूल निवासी किसी भी कीमत पर पिछोला झील को छोटा नहीं होने देंगे।