सुविवि का स्ववर्ण जयंती समारोह
Udaipur. केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री एम. पल्लम राजू ने कहा कि बदलते दौर में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आज की अहम जरुरत है। स्कूली शिक्षा में आरटीई और मिड-डे मील के परिणामों को शानदार बताते हुए उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि हम उच्चा शिक्षा को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाए तथा इसको नई तकनीक के साथ जोड़ें।
पल्लम राजू बुधवार को यहां मोहनलाल सुखाडि़या विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती स्मरणोत्सव कार्यक्रम में उच्च शिक्षा की चुनौतियां विषयक समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अभिभावक बच्चों की गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा के लिए चिंतित हैं। इसके लिए वे लोन लेते हैं, सम्पत्ति तक गिरवी रखते हैं। हमें इस दिशा में मिलकर सोचना होगा कि यह गुणवत्ता समायोजित तौर पर हर वर्ग तक पहुंचे। टाटा के उच्च शिक्षा संस्थान का उल्लेख करते हुए उन्होंने सरकारी विश्वविद्यालयों को भी अंतरराष्ट्रीय तरीके से विकसित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि बदलाव अकेले सरकार नहीं कर सकती बल्कि यह हर नागरिक का भी व्यक्तिगत दायित्व है कि वह इस दिशा में प्रयास करे और अपना योगदान दें।
विशिष्ट अतिथि सड़क परिवहन एव राजमार्ग मंत्री डॉ. सी. पी. जोशी ने कालेज के अपने पुराने दिनों की यादें ताजा करते हुए आज के इंटरनेट दौर की तकनीकी प्रगति का जिक्र किया और कहा कि अब समय बदल गया है विद्यार्थी तकनीकी तौर पर शिक्षकों से अधिक दक्ष हो गए है, वे शिक्षक से ज्यादा इंटरनेट यूज करते है, ई बुक्स पढते है इसलिए सभी शिक्षकों के सामने यह चुनौती हे कि वह खुद को अपडेट रखें और विद्यार्थी जिस तकनीकी क्षमताओं से आगे बढ रहा है, शिक्षक को खुद को भी उन्हीं क्षमताओं से युक्त बनाना होगा। विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षाओं पर सवाल उठाते हुए जोशी ने कहा कि एन्ट्रेंस की आड़ में कोचिंग व्यवसाय पनप रहा है और इस सब के बीच बच्चों में मानसिक दबाव बढ़ रहा है।
जोशी ने कहा कि यह सब चिंताजनक है। हमें अपनी परीक्षाओं के मापदंडों पर पुनर्विचार करना होगा। उन्होंने गुड गवर्नेन्स के लिए सुविवि में एक केन्द्र की स्थापना का सुझाव दिया ताकि जनता को जागरुक बनाया जा सके। उन्होने कहा कि यदि मतदाता सशक्त होगा तभी लोकतंत्र भी सशक्त हो पाएगा। मोबाइल इंटरनेट के दौर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस तकनीक के इस्तेमाल से प्रतिभागी लोकतंत्र का विकास किया जा सकता है।
शुरु में सुविवि के कुलपति प्रो आई वी त्रिवेदी ने स्वर्ण जयन्ती वर्ष के दौरान वर्ष पर्यन्तं आयोजित समारोहों की और उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विवि पेपर लेस विवि बनने की दिशा में अग्रसर है और हम इसके लिए प्रयास कर रहे हैं। युवा एवं खेल राज्या मन्त्री मांगीलाल गरासिया तथा उदयपुर ग्रामीण विधायक सज्जन कटारा भी आमन्त्रित अतिथि के तौर पर मंच पर उपस्थित थे। कुलपति ने सभी को मेवाडी़ पगडी़ पहना कर स्वारगत किया। रेमंड्स लिमिटेड के प्रेसीडेन्टड तथा विवि के पूर्व छात्र शान्तिलाल पोखरना ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में गोल्डन जुबली डाक्यूमेन्ट का विमोचन हुआ जिसमे सभी उपलब्धियों का लेखा-जोखा प्रकाशित किया गया है। साथ ही डाक विभाग की ओर से स्वचर्ण जयंती के उपलक्ष्ये में कवर लेटर का अनावरण भी किया गया। अतिथियों के साथ डाक विभाग के राजस्थान जोन के प्रमुख ओ. एस. वीरवाल ने यह रस्म पूरी करवाई।
विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेरखनीय कार्य करने वालों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। इसमे ललित बारेगामा, इंदिरा भंडारी, प्रतीक शर्मा, विद्या सागर उपाध्याय, मांगी बाई, मोहन श्रीमाली, एन एन माथुर, डा विनया पेन्डसे, डॉ. अनिल बोर्दिया, पं नरेन्द्र मिश्र, प्रो भरत छापरवाल, पूर्व कुलपति प्रो बीएल चौधरी तथा डॉ. प्रेम भंडारी को सम्मानित किया गया। नरेन्द्र मिश्र का सम्मान उनके पुत्र ने ग्रहण किया। मांगीबाई ने मांड गायन की पंक्तियां- केसरिया बालम सुनाई वहीं प्रेम भंडारी ने एक गजल के कुछ शेर सुनाए। एम बी कालेज पूर्व छात्र परिषद के उपाध्यक्ष केएल कोठारी ने विवि के इतिहास पर लिखी कविता सुनाई। इस अवसर पर यूजीसी महिला अध्ययन केन्द्र की ओर से प्रदेश के लिंगानुपात पर प्रकाशित एक दस्तावेज तथा इकबाल सागर द्वार राहुल गांधी पर लिखी एक पुस्तेक का विमोचन भी किया गया। संचालन डा कनिका शर्मा ने किया तथा धन्यवाद रजिस्ट्रार डॉ. एल. एन. मंत्री ने दिया।