Udaipur. आठ शिक्षक संगठनों को मिलाकर भटनागर समिति की सिफारिशों के विरोध में गठित राजस्थान शिक्षक-शिक्षाधिकारी संघर्ष समिति के बैनर तले जिले के सैकड़ों शिक्षकों ने मजदूर दिवस पर शाम को कलक्ट्रे ट पर प्रदर्शन कर नारेबाजी की और आक्रोश जताया।
इनकी मांगों में राज्य के शिक्षकों को केन्द्र सरकार के शिक्षकों के समान हूबहू पे बेण्ड, ग्रेड पे, भत्ते व पूर्ण पेंशन योग्य सेवा की गणना 28 वर्ष करने सहित अन्य सुविधाओं का लाभ 1-1-2006 से देय करने आदि प्रमुख हैं। वक्ता8ओं ने कहा कि शेखावत वसुंधरा एवं गहलोत के नेतृत्व की पूर्ववर्ती सरकारों ने गत 17 वर्षों से शिक्षकों के साथ अन्य कर्मचारियों की तुलना में शिक्षकों का आर्थिक उत्पीड़न किया। कांग्रेस सरकार के चुनावी वादे को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूरा न कर शिक्षक एवं कर्मचारियों के साथ धोखा किया है।
शिक्षक नेताओं ने कृष्णा भटनागर समिति को ही खारिज करते हुए वर्तमान में उसके औचित्य पर सवाल उठाते हुए राज्य सरकार से केन्द्र के अनुरूप वेतन देने की मांग की है। सभा को राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील के प्रदेशाध्यक्ष बाबूलाल जैन, राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रांतीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुन्दर जैन, जिलामंत्री चन्द्रप्रकाश मेहता, पूर्व सभाध्यक्ष अर्जुन मंत्री, प्रगतिशील के जिलाध्यक्ष लच्छीराम गुर्जर, शारीरिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष भैरूसिंह राठौड़, राष्ट्र के जिलाध्यक्ष भौमसिंह चुण्डावत, कर्मचारी महासंघ के जिलामंत्री लज्जाशंकर नागदा, प्राध्यापक शिक्षक संघ के जिलामंत्री महेशचन्द्र शर्मा आदि ने सम्बोधित किया।