Udaipur. भगवान हर किसी के पास नहीं रह सकता, इसलिए उसने मां बना दी। मां तब भी रोती थी जब बेटा रोटी नहीं खाता था। मां अब भी रोती है जब बेटा रोटी नहीं देता है। मैसेज, व्हा ट्सअप, सोशल मीडिया पर चले कुछ ऐसे ही भावपूर्ण संदेशों ने मां की महत्ताै को बढ़ा दिया। मौका था मदर्स डे का।
रविवार को मदर्स डे पर धूमधाम से विविध आयोजन हुए। बच्चों ने मां को कार्ड, गिफ्ट दिए वहीं संगठनों ने भी अपने अपने स्तवर पर माताओं का सम्माुन किया। हर कोई मां के अहसास को समझता है। यह इस बात से साफ महसूस हुआ कि शहर के विभिन्न क्षेत्रों में कार्ड एंड गिफ्ट गैलेरी में बच्चों, युवाओं की आवाजाही रही। मदर्स डे को लेकर कार्ड और गिफ्ट की बिक्री हुई। कई लोगों ने बाल रूप के कृष्ण की छवि को पसंद किया तो कुछ ने मां की भावनाओं को दर्शाती फोटो फ्रेम खरीदी।
नारायण सेवा संस्थान निदेशक वंदना अग्रवाल ने बताया कि मातृ दिवस पर देश के विभिन्न राज्यों से निशक्त बच्चों (विकलांग) के ऑपरेशन के लिए उनके साथ आई माताओं का सम्मान किया गया। इनमें बिहार भागलपुर से रेणु देवी, कानपुर से चिन्ता देवी, महाराष्ट्र सतना से गुलाब देवी, हाथरस से रशीदा देवी, दिल्ली से गीतादेवी, कोल्हा पुर महाराष्ट्र से आशा देवी, गाजियाबाद से राधादेवी आदि को संस्थान की ओर से मोमेन्टो व उपरणा पहनाकर सम्मानित किया गया। संस्थान के बलीचा स्थित निराश्रित आवासीय गृह ‘अपना-घर’ में भी कार्यक्रम हुआ।