Udaipur. एक बार फिर डॉ. सी. पी. जोशी को केन्द्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्रालय के साथ रेल मंत्रालय का अतिरिक्त कार्यभार देकर जहां उन्हें मुख्यमंत्री गहलोत के सामने मजबूती प्रदान की गई है वहीं जोशी के समर्थकों में भी चुनावी वर्ष होने से जान आ गई है।
हालांकि कहने को यूं तो वीरेन्द्र वैष्णव एवं लालसिंह झाला दोनों जोशी के कट्टर समर्थक हैं लेकिन जब से गोगुंदा में किरोड़ी मीणा सभा करके गए हैं और दोनों के बीच कागजी खींचातानी हुई है। बताते हैं कि वैष्णव के अति महत्वाकांक्षी होने के कारण उन्होंने झाला को भी कई बार टेकओवर करने का प्रयास किया जो झाला को कहीं न कहीं खटक गया। उसके बाद से झाला ने सांसद का हाथ थामा। हाल ही हुए युवक कांग्रेस के चुनाव में सांसद के समर्थकों ने जिस तरह खुलकर झाला को समर्थन दिया, उनके लिए काम किया और उनके पुत्र को लोकसभाध्यक्ष पद पर जिताया, उससे दोनों के सम्बन्धों की मजबूती का अंदाज लगाया जा सकता है। उधर सांसद को मुख्यमंत्री के नजदीक माना जाता है।
मुख्यमंत्री और डॉ. जोशी की आपसी प्रतिद्वंद्विता जगजाहिर है। मंत्री बनने से पहले डॉ. जोशी यह कई बार जाहिर भी कर चुके हैं। एकबारगी तो डॉ. जोशी खुले मंच पर भी कह चुके हैं कि वे सीएम के फॉलोवर नहीं हैं। चुनावी वर्ष है। हर किसी की मंशा है कि कोई न कोई वरिष्ठ नेता की पूरी तरह छत्रछाया मिल जाए ताकि कुछ उद्दार हो जाए।
काफी समय से हाशिये पर पडे़ वीरेन्द्र वैष्णव को अचानक बूस्ट मिल गया है। प्रदेशाध्यक्ष के 15 दिन में शहर जिला कार्यकारिणी की घोषणा करने के बावजूद ढाई माह निकल गया लेकिन अब तक कार्यकारिणी की घोषणा नहीं हो पाई। बताते हैं कि वैष्णव के कारण कार्यकारिणी अटकी पड़ी है। वे शहर जिलाध्यक्ष के कट्टर विरोध में हैं वहीं निर्वाचित होकर आई शहर जिलाध्यक्ष कार्यकारिणी का इंतजार कर रही हैं ताकि चुनावी वर्ष में काम शुरू किया जा सके। वैष्णव यहीं कार्यकारिणी, नगर निगम में 15 पार्षदों के नेता प्रतिपक्ष आदि में ही अटक कर रह गए। राहुल गांधी के सामने जयपुर में गत दिनों हुई बैठक में इस बार वैष्णव व दोनों ब्लॉक अध्यक्ष शहर जिलाध्यक्ष का कड़ा विरोध नहीं कर पाए लेकिन यहां आकर फिर बयानबाजी करने में लग गए।
जोशी को रेल मंत्रालय का अतिरिक्त कार्यभार देना राष्ट्रीय स्तर पर संगठन व मंत्रिमंडल में उनकी महत्ता को दर्शाता है। यह भी तय है कि इस बार चुनावी टिकट वितरण में उनकी भी खासी चलेगी। उनकी राय को दरकिनार नहीं किया जा सकेगा।