महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन की कार्यशाला
udaipur. यहां सिटी पैलेस स्थित महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन द्वारा ऐतिहासिक एवं प्राचीन धरोहर के संवर्धन, संरक्षण के उद्देश्य से स्थानीय गाइडों के लिए विशेष कार्यशालाओं के तहत शुक्रवार को फाउण्डेशन सभागार में मेवाड़ का इतिहास, महाराण अमरसिंह से लेकर महाराणा राजसिंह तक की जानकारी इतिहासविद् डॉ. के.एस. गुप्ता ने दी।
महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर के उपसचिव प्रशासन भूपेन्द्र सिंह आउवा ने बताया कि समयोपरांत आयोजित कार्यशालाओं में पैलेस के अधिकृत गाइडों को मेवाड़ के इतिहास की जानकारी दी जा रही है। इसी क्रम में शुक्रवार को आयोजित कार्यशाला में डॉ. गुप्ता ने महाराणा अमरसिंह के जन्म के बाद उनका युवराज काल तथा शासनकाल के साथ द्वितीय कालखण्ड, शांति काल, अमरसिंह के पश्चात मेवाड़, महाराणा राजसिंह, इनके कालों में सांस्कृतिक उपलब्धियां, औरंगजेब से संघर्ष के कारण, जजिया कर की पुनर्स्थापना पर तीव्र प्रतिक्रिया, किशनगढ़ की चारूमती का वैवाहिक प्रश्न, औरंगजेब की मंदिर विध्वंस नीति का विरोध आदि अनेक विषयों पर बारीकी से जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि छह सप्ताह के प्रत्येक शुक्रवार को फाउण्डेशन द्वारा स्थानीय गाइडों के लिए अनेक विषयों पर कार्यशालाएं आयोजित की जाएगी।
इन्होंने लिया भाग : कार्यशाला में शकीर परवेज, शक्ति सिंह शक्तावत, शक्ति सिंह चौहान, शूरवीर सिंह सोलंकी, सिद्धार्थ शर्मा, सुनील पुजारी, सुरेन्द्र सिंह राठौड़, सुरेश नगरकोटी, उमाशंकर नागदा, उमेश कुमार माली, उम्मेद सिंह राठौड़, विजय विरवानी, विक्रम सिंह राठौड़, विक्रम सिंह झाला, विक्रम सिंह राणावत, विक्रम सिंह राठौड़, विनोद पालीवाल, विशाल शर्मा, योगेन्द्र सिंह राणावत, योगेश नारायण आमेटा, युवराज सिंह राणावत, जितेन्द्र सिंह, हेमंत श्रीमाली, रणजीत सिंह राठौड़ ने भाग लिया।