गहलोत व कांग्रेस के इशारे पर हुई कार्रवाई
Udaipur. मुंबई में अंतरिम जमानत मिलने के बाद पार्टी कार्यालय पर पहुंचे राज्यन विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि सीबीआई द्वारा पेश तीसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट ऐसी आधी अधूरी रही कि न्यायालय को यह कहना पड़ा कि क्यों न कटारिया को स्थायी जमानत दे दी जाए?
उन्होंने कार्यकर्ताओं के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जून 2012 में सीबीआई ने मुझसे पूछताछ की थी। फिर सितम्बर 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया था कि आपको इस मामले में जो भी दस्तावेज प्रस्तुत करने हों, वे छह हफ्ते के भीतर पेश करें। नवम्बर 2012 में यह समय सीमा भी समाप्त हो गई। इसके छह माह बाद अब सीबीआई को ऐसा क्या मिल गया जो उसे सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश करनी पड़ी।
उन्होंने कहा कि यह सब कांग्रेस के घटिया राजनीति का प्रतीक है। गत अप्रेल में निकाली गई सुराज संकल्प यात्रा से गहलोत को लगा कि अगर वसुंधरा और कटारिया दोनों एक हो गए तो वापस कांग्रेस की सरकार बनना मुश्किल है, इसलिए उन्होंने यह चाल चली। एकलिंगजी की छत्रछाया में पैदा हुआ हूं और ऐसी हर परीक्षा का सामना कर सकता हूं। जब राम और सीता तक को परीक्षा देनी पड़ी थी तो हम तो एक छोटे से इंसान हैं।
कांग्रेस की इस ओछी राजनीति से जो गिरावट आई है, उसका जनता जवाब देगी। जब पहली चार्जशीट से पहले सीबीआई करीब डेढ़ माह तक उदयपुर में रही तो उनके खिलाफ उसे कुछ नहीं मिला। दूसरी चार्जशीट के दौरान मेरे खिलाफ उन्हें कुछ नहीं मिला। तीसरी चार्जशीट पेश करने की क्यों जरूरत पड़ गई? उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ऊपर से गांधी का चेला और अंदर से काला बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पाने के लिए गहलोत ने अपनी ही पार्टी के बड़े बड़े नेताओं डॉ. सी. पी. जोशी, बी. डी. कल्ला, प्रद्युम्नसिंह आदि को हरवाने में सहायता की।
इससे पहले जिलाध्यक्ष दिनेश भट्ट, वंदना मीणा, चुन्नीलाल गरासिया, झाड़ोल विधायक बाबूलाल खराड़ी, महापौर रजनी डांगी आदि ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर मांगीलाल जोशी, युधिष्ठिर कुमावत, मोतीलाल डांगी सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे। संचालन लोकेश द्विवेदी ने किया। पार्टी के बड़े नेताओं के साथ ही नजर आने वाले दलपत सुराणा भी मौजूद थे। इससे पूर्व यहां पहुंचने पर कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारेबाजी की। कटारिया तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं।
स्वागत में उमड़े कार्यकर्ता : कटारिया ने कहा कि अपने एक-दो सहयोगियों को मैंने जरूर बताया था कि सुबह 11 बजे तक पहुंच जाउंगा लेकिन आज यहां शहर व देहात से उमड़ी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों की भीड़ का ही विश्वास और सम्बल है जिसके कारण मैं यहां आया हूं। यही स्नेह और विश्वास मुझे इस आरोप से भी बरी करवाएगा।