Udaipur. लोक कलाओं के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध सांस्कृतिक संस्था भारतीय लोक कला मण्डल द्वारा लुप्त होते लोक नृत्यों की विधा से युवा पीढी को रूबरू कराने के लिए एक माह का लोक नृत्य प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया हैं। यह शिविर 20 जून तक चलेगा।
संस्था के सहायक निदेशक श्याम माली के अनुसार राजस्थानी लोक संस्कृति की पहचान लोक नृत्य अब प्रायः लुप्त होने के कगार पर है। पाश्चात्य संस्कृति के अतिक्रमण ने हमारी युवा पीढी को भ्रमित कर दिया है। इसी भ्रम चक्र को तोड़ने के लिण् भारतीय लोक कला मण्डल द्वारा 20 मई से 20 जून 2013 तक एक लोक नृत्य प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है। एक माह तक चलने वाले इस शिविर में प्रसिद्ध लोक नृत्यांगना एवं कोरियोग्राफर यशोदा माली एवं जगदीश पालीवाल लोक नृत्यों से युवा पीढ़ी को अवगत कराते हुए प्रशिक्षण प्रदान करेंगें। शिविर में 8 वर्ष बालिकाओं से लेकर 30 वर्ष आयु वर्ग तक तक की युवतियां भाग ले सकती है। शिविर के लि पंजीकरण 2 जून तक चलेगा। माली ने बताया कि संस्था में प्रातः 9 से 11 बजे तक चलने वाले इस शिविर का समापन 20 जून को रंगारंग सांस्कृतिक संध्या के साथ होगा। इस अवसर पर प्रतिभागियांे को प्रदर्शन के बाद प्रमाण पत्र भी प्रदान किए जाएंगे।