Udaipur. स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में उप प्रवर्तिनी पूज्या गुरूणीमैया साध्वी डॅा. दिव्यप्रभा, महासाध्वी अनुपमा, महासाध्वी निरूपमा, साध्वी भव्या, साध्वी सौम्या आदि ठाणा का आज पंचायती नोहरे में चातुर्मास हेतु भव्य प्रवेश हुआ। धर्मसभा के मुख्य अतिथि नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया, विशिष्टह अतिथि महापौर रजनी डांगी, जिला प्रमुख मधु मेहता थी। अध्यक्षता आयकर आयुक्त अनिल कुमार जैन ने की।
कटारिया ने कहा कि अच्छी वाणी व अच्छे श्रवण से संस्कारों का निर्माण होता है और अच्छ संस्कारों से श्रेष्ठ व्यक्तित्व का निर्माण होता है। आयकर आयुक्त अनिल कुमार जैन ने कहा कि तन की शुद्धि के बजाय मन की शुद्धि का होना जरूरी है और मन की शुद्धि साधु-संतों के सानिध्य में जाने से ही होती है।
साध्वीश्री डॅा दिव्य प्रभा जी ने कहा कि प्रवेश का अर्थ स्व अर्थात स्वरूप की ओर लैटना होता है। धर्म एंव साधना स्वागत का रूप है। ज्ञान रूपी गंगा में स्नान करने से पापों का नाश होता है ठीक उसी प्रकार साधु-साध्वियों के सानिध्य में जाने से पाप,तप एंव दरिद्रता तीनों का नाश होता है। यह संघ त्रिवेणी का संगम बन गया है। इसने एक तीर्थ का रूप ले लिया है। महासाध्वीश्री अनुपमा ने कहा कि उदयपुर में जनता को ज्ञान का दर्पण देने आये है ताकि श्रावक उसमें अपने आप को देखकर अपना जीवन सुधार सके। समारोह को ओसवाल बड़े साजनसभा के अध्यक्ष दिलीप सुराणा,महामंत्री अनिल कोठारी, शिक्षक नेता भंवर सेठ, श्री जैन कॉन्फ्रेन्स युवा संघ के अध्यक्ष संजय भडारी,संरक्षक ओंकारसिंह सिरोया, प्रमुख मार्गदर्शक कन्हैयालाल मेहता, युवक परिषद अध्यक्ष नरेन्द्र डांगी श्राविका संघ की अध्यक्ष शिवा सिंघवी व मंत्री आशा कोठारी ने भी संबोधित किया। प्रारम्भ में स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के अध्यक्ष वीरेन्द्र डंागी ने अतिथियों का स्वागत किया। महामंत्री हिम्मतसिंह बड़ाला ने चातुर्मास के दौरान आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत की। प्रारम्भ में साध्वीश्री निरूपमा ने नवकार महामंत्र का जाप तथा मंगलाचरण प्रस्तुत की।
इससे पूर्व प्रात: सवा आठ बजे उपप्रवर्तिनी पूज्या गुरूणीमैया साध्वीश्री डॅा. दिव्यप्रभा अपने संघ के साथ तारक गुरू जैन ग्रन्थालय से शोभायात्रा के रूप में रवाना हुईं। शोभायात्रा में एक हजार से अधिक महिला-पुरूषों ने भाग लिया। महिलाएं लहरिया व चुनरी ओढ़े तथा पुरूष धवल वस्त्र पर जैन धर्म का दुपट्टा डाले जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। शोभायात्रा शास्त्रीसर्किल, देहलीगेट, मण्डी, भड़भूजा घाटी, सिन्धी बाजार व भामाशाह मार्ग होती हुई पंचायती नोहरे में पहुंची। कलश लिये महिलाओं ने मंगलगान करते हुए साध्वीवृन्दों का स्वागत किया। चातुर्मास प्रवेश के दौरान पंचायती नोहरे में पाली, चित्तौड़, जयपुर, नान्देशमा, बगडून्दा, डबोक, आयड़ सहित उपनगरों से हजारों श्रावक-श्राविकाएं विभिन्न संघों के पदाधिकारी उपस्थित थे।