जैन सोश्यल ग्रुप के समारोह में सारेगामापा विनर की प्रस्तुति
Udaipur. अगर व्यक्ति समाज को बदलना चाहता है तो सर्वप्रथम ऐसा चिंतन उसके भीतर प्रवाहित होना चाहिये और ऐसा करने के लिये व्यक्ति की सोच में पैनापन, पारदर्शिता और परिवर्तन आवश्यक है। ये विचार प्रो. पी. के. जैन ने व्यऔक्तब किए। वे जैन सोश्यल ग्रुप मेवाड़ के दशाब्दी समारोह को संबोधित कर रहे थे।
जैन ने कहा कि व्यक्ति को अच्छा परिवार के साथ अच्छी संस्था मिलना भी आवश्यक है। अतिथि के रूप में जयपुर से आये जैन सोश्यल ग्रुप्स इंटरनेशनल फैडरेशन के इंटरनेशनल डायरेक्टर कमल संचेती ने कहा कि बंधुत्व से प्रेम के साथ सेवा के कार्यों को भी किया जाना चाहिये। उन्होंने बताया कि वे गत 20 वर्षों से ब्लड डोनेशन, आई डोनेशन के साथ अब बॉडी डोनेशन का भी कार्य कर रहे हैं। इस अवसर पर नये 6 सदस्यों को शपथ भी दिलाई गई।
संयोजक ब्रजेन्द्र सेठ ने बताया कि संस्था अध्यक्ष हेमन्त गोखरू ने स्वागत उद्बोधन प्रदान किया। फाउण्डर अध्यक्ष विजेन्द्र बाफना ने 10 वर्षों की उपलब्धियों का ब्यौरा प्रस्तुत किया। आरम्भ नवकार मंत्र व प्रार्थना के साथ हुआ जिसे डॉ. शिल्पा सेठ, उर्मिला भंडारी, डॉ. ममता बोल्या, ज्योति जैन व शैलना जैन ने प्रस्तुत किया। कार्यकम में गत वर्षों में अध्यक्ष रहे विजेन्द्र बाफना, शैलेष जैन, भगवत मेहता, डॉ. पी सी जैन का सम्मान किया गया। धन्यवाद सचिव महेन्द्र मेहता ने दिया। कार्यक्रम को संगीतमय बनाने के लिये सारेगामापा-2000 के विजेता सुमंत मुखर्जी ने मधुर गीतों से समा बांधा। मुखर्जी ने भजनों के साथ पुराने गीत और सूफियाना अंदाज के गीतों के साथ गजलें भी पेश की। कार्यक्रम में डॉ. प्रेम भंडारी ने अपनी गज़ल से सबका मन मौहा। कार्यक्रम में मुखर्जी के साथ पामिल मोदी, अमित मोदी, व ब्रजेन्द्र सेठ ने प्रस्तुति दी। संचालन ब्रजेन्द्र सेठ ने किया।