श्रीमद् भागवत कथा
Udaipur. श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन शनिवार को व्यासपीठ से प्राची देवी ने कहा कि अविवेक, अज्ञान और माया के आवरण से जब व्यक्ति किंकर्तव्यविमूढ़ हो जाता है तो समझ लेना चाहिए कि श्री कृष्ण युग की पूतना फिर लौट आई है।
उन्होंने नारायण सेवा संस्थान के सेवा महातीर्थ बड़ी में हो रही कथा में कहा कि उसी व्यक्ति का जीवन सार्थक और सफल हो सकता है जो ज्ञान से प्रकाशित है। उन्होंने जीवन में आने वाली अनेक समस्याओं के लिए खुद व्यक्ति को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि पाश्चात्य सभ्यता के अंधानुकरण से भी समाज विषम हुआ है। कथा में श्रीकृष्ण द्वारा तृणावर्त, अधासुर व वक्रासुर वध, अक्रूरजी के संग मथुरा गमन आदि प्रसंगों का रोचक व मार्मिक वर्णन किया। रोजाना 3 से 6 बजे तक हो रही कथा का चैनल पर भी प्रसारण किया जा रहा है। रविवार को समापन होगा। मंच संचालन ऐश्वर्य त्रिवेदी ने किया।