आईआईएम की लीडरशिप समिट
‘मजबूत हैं ग्रामीण भारत का बाजार’
Udaipur. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के अध्यक्ष अशोक चावला ने कहा कि बदलते समय के साथ नए परिप्रेक्ष्य में हमें अपने आर्थिक परिवेश का पुनर्निर्माण करना है। बदलते समय के साथ हमें भी अपने आपको बदलते रहना है।
वे शनिवार को सिटी पैलेस के दरबार हॉल में भारतीय प्रबंधन संस्थान उदयपुर (आईआईएमयू) के छात्रों की ओर से आयोजित लीडरशिप सम्मिट को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने लीडरशिप और पुनर्निर्माण पर बल देते हुए कहा कि एग्रीकल्चर, मैन्यू्फैक्चरिंग को बढ़ाने, आधारभूत सुविधाओं को विकसित करने, एनर्जी और लैंड लेबर पर भी विचार करने की आवश्येकता है। कार्यक्रम में अरविंदसिंह मेवाड़ ने उदयपुर को देश का रोल मॉडल सिटी बनाने का संकल्प जताते हुए कहा कि भारतीय गणराज्य़ का अंग होने पर उन्हें गर्व है।
आईआईएमयू के निदेशक प्रो. जनत शाह ने लीडरशिप सम्मिट को छात्रों के लिए सुनहरा अवसर बताते हुए कहा कि अगर आपके पास सही लोग हैं और आपकी कार्यशैली सही है तो सफलता निश्चित ही आपके कदम चूमेगी। उन्होंने संस्था न को शिक्षा के साथ रिसर्च में उत्तम बनाना तथा छात्रों के लिए बदलावपरक यात्रा को लक्ष्य बताया।
कार्यक्रम में ‘शहरों से गांवों की ओर जाता भारतीय अर्थव्यवस्था का मूल’ विषयक वार्ता में सागर रत्न के सीओओ मुरलीकृष्ण परना, जी बिजनेस के कन्सलटेंट पीयूष श्रीवास्तव, ओगिलिवी एक्शन के क्रिएटिव डायरेक्टर राजकुमार झा ने विचार व्यक्त किए। इन्होंने ग्रामीण भारत को एक मजबूत मार्केट बताया। इसके अतिरिक्त सप्लाई चेन में पुनर्निर्माण की आवश्यककता विषयक चर्चा में संजीव सिंह, टाइटन इंडस्ट्रींज के चीफ स्ट्रेटेजी ऑफिसर अजय चावला, भारती वालमार्ट के सीनियर उपाध्यक्ष हरदीपसिंह ने विचार व्यक्त किए। एक्स प्रेस मनी के सीओओ सुधीर शेट्टी, आशीष भाटिया, टीसीए रंगनाथन, संदीप सेन आदि ने भी विचार व्यक्त किए। इन्होंने लीडर बनने के तरीके, लीडर और मैनेजर में अंतर बताया। महिलाओं के सीईओ पद पर कम होने पर भी चर्चा की। अंत में फिनोमिना क्लनब की मैगजीन अर्थार्थ अतिथियों को भेंट की गई। संचालन राहुल सेठ एवं सौम्या ने किया।