फतहनगर. घासा में चल रहे चातुर्मास के दौरान रविवार को नवकार मन्त्र का सामूहिक जाप किया गया। एक घंटे के सामूहिक जप्यानुष्ठान में क्षेत्र एवं मुम्बई समेत राजस्थान के विभिन्न स्थानों से आए 250 जैन समाज के जोड़ों ने भाग लिया।
जप्यानुष्ठान मेवाड़ प्रवर्तक महाश्रमण मदनमुनि, उप प्रवर्तक प्रदीप मुनि, डॉ. सुभाष मुनि, नवीन मुनि, रविन्द्र मुनि, धीरज मुनि एवं लोकेश मुनि आदि ठाणा-७ के सानिध्य में शुरू हुआ। जप्यानुष्ठान के बाद आयोजित धर्मसभा में श्रावक-श्राविकाओं को सम्बोधित करते हुए महाश्रमण मदनमुनि ने कहा कि नवकार मंत्र अचूक औषधि है। इसके जाप से समस्याओं का समाधान ही नहीं होता अपितु पारिवारिक जीवन में शांति और आनन्द का संचार होता है। उन्होने कहा कि जीवन में मानसिक और कायिक निरोगता के लिए मन्त्र का जाप ही राम बाण औषधि है। इस औषधि का निर्मल भाव से श्रद्धा रख कर जाप करने वाले के जीवन में संकट पैदा नहीं होता। श्रद्धा संजीवनी है निराशा में आशा का संचार करती है। मन्त्र अनन्त ऊर्जा के स्त्रोत होते हैं। हरेक अपने जीवन का कुछ समय इसका जाप करने के लिए अवश्य निकालें। डॉ. सुभाष मुनि ने कहा कि नवकार मन्त्र 14 पूर्वों का सार है। नवकार मन्त्र में व्यक्ति पूजा को महत्व नहीं दिया जाता अपितु गुणों की पूजा है। यह मन्त्र व्यकितवादी न होकर गुणवादी है। सभा में न्यायाधीश प्रकाशचन्द्र पगारिया, इन्द्रमल लोढ़ा, बाबुलाल उनिया, पूरणमल सिंयाल, कन्हैयालाल सामर, कंवरलाल पीपाड़ा, कन्हैयालाल अहीर, कालूलाल सांखला समेत कई प्रमुख लोग भी शामिल हुए। धर्मसभा का संचालन अनिल डांगी ने किया जबकि स्वागत पंकज चण्डालिया,समरथलाल बड़ालमिया तथा अन्य ने किया।