केन्द्र के समान हूबहू वेतनमान व लाभ दें
Udaipur. केन्द्र के समान हूबहू वेतनमान एवं अन्य परिलाभों की मांगों को लेकर राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के बैनर तले शिक्षकों ने सोमवार को कलक्ट्रेट पर धरना दिया। दिन भर धरने के बाद मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री, मुख्य सचिव, शिक्षा सचिव आदि के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन दिया।
धरना राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रकाश बया व जिले के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगदीशचन्द्र उपाध्याय के नेतृत्वर में दिया गया। जिलामंत्री चन्द्रप्रकाश मेहता, जिला महिला मंत्री शाहिदा परवीन काजी ने बताया कि राज्य सरकार ने समस्त कर्मचारियों को केन्द्र के सामन वेतन भत्ते प्रदान करने का लिखित समझौता किया था ताकि उन्हें बार-बार आंदोलन न करना पड़े। वर्तमान में राज्य सरकार अपने-अपने चुनाव घोषण पत्र में राज्य कर्मचारियों को 1-1-2006 से केन्द्र के समान हूबहू वेतनमान व अन्य परिलाभ देने का वादा किया था लेकिन सरकार ने अपना वादा नहीं निभाया।
पूर्व प्रदेश सभाध्यक्ष अर्जुन मंत्री, जिले के उपाध्यक्ष वगतलाल शर्मा ने बताया कि सत्तासीन होते ही मुख्यमंत्री द्वारा चुनाव घोषणा पत्र को लागू करने के लिए इसे सरकारी दस्तावेज का दर्जा प्रदान करने से संगठन को लगा कि पूर्व अनुभवों से सबक लेकर सरकार अपना वायदा पूर्ण करेगी, क्योंकि कर्मचारियों में उत्पन्न असंतोष के दुष्परिणाम कई सरकारें झेल चुकी हैं, लेकिन सरकार के चार वर्ष व्यतीत हो जाने के बावजूद कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई। माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने अनेक अवसरों पर चुनाव घोषणा पत्र में किये गये वायदों के क्रियान्वयन की बढ़-चढकर घोषणा की है। परन्तु कर्मचारियों से किए वायदे पर रहस्यमय चुप्पी सादे रखी। वर्ष 2013-14 के बजट भाषण में मुख्यमंत्री ने अपने चुप्पी तोड़ते हुए इन सिफारिशों को दिनांक 1-1-2006 से लागू करते हुए नकद लाभ 1-7-2013 से देने की घोषणा विधानसभा में की। विधानसभा के पटल एवं बजट भाषण जैसी पवित्र एवं विश्वसनीय जगह की घोषणा से शिक्षक समुदाय को लगा कि मुख्यमंत्री जी ने सदाशयता का परिचय दिया है। हमें लगा कि देर आयद दुरस्त आयद लेकिन दिनांक 6-4-2013 को जब आदेश जारी हुए तो संपूर्ण कर्मचारी वर्ग ने स्वयं को ठगा पाया। पूर्व जिलाध्यक्ष चन्द्रशेखर परसाई, जिला संगठन मंत्री साकरचंद लबाना ने कहा कि संगठन दृढ़ता के साथ यह कहना चाहता है कि शिक्षक की समता और आक्रोश की धार को कमतर आंकने की भूल न करे उनका वाजिब हक तत्काल दे। कोषध्यक्ष बसंतीलाल श्रीमाली, प्रदेश शैक्षिक प्रकोष्ठ के सदस्य राजकमल लोहार, प्रदेश के पूर्व उपाध्यक्ष शंकर वया, चंदनमल बागड़ी, जिला वाकपीठ के अध्यक्ष करणसिंह झाला आदि ने संबोधित किया।