तेरापंथ सभा की ओर से हुई स्प र्धा
Udaipur. अणुव्रत न्यास द्वारा नाईयों की तलाई स्थित तेरापंथ भवन में मुनिश्री रवीन्द्र कुमार एंव मुनिश्री पृथ्वीराज के सानिध्य में विद्यालय स्तरीय 14 वीं जिला नैतिक गीत गायन प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें जिले के 20 से अधिक स्कूलों के विद्यार्थियों ने भाग लिया।
मुनि रवीन्द्र कुमार ने कहा कि भारतीय संस्कृति सुसंस्कारों की संस्कृति रही है। हम सभी परस्पर भाईचारे के साथ तथा दूसरों की भलाई के लिए प्रयत्नशील रहे। वाणी में मधुरता एंव नैतिक अर्थार्जन ही हमारा लक्ष्य होना चाहिए। मुनि पृथ्वीराज ने कहा कि जीवन चरित्रनिष्ठ, अहंकार व व्यसनमुक्त होना चाहिए। अणुव्रत ही एक ऐसा उपक्रम है जो व्यक्ति के विचारों, भावनाओं, मन व मस्तिष्क को परिवर्तित कर सकता है। कार्यक्रम संयोजिका प्रणिता तलेसरा ने गीतों के भाव बताते हुए कहा कि शारीरिक बल भावना आधारित संस्कृति बने, केवल मात्र पुस्तकीय शिक्षा नहीं। प्रारम्भ में तेरापंथ सभाध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने स्वागत उद्बोधन दिया। मंगलाचरण मोनिका कोठारी व मीनल इंटोदिया ने प्रस्तुत की।
प्रतियोगिता में कनिष्ठ एकल वर्ग में एमडीएस स्कूल प्रथम, दिगम्बर जैन विद्यालय द्वितीय तथा जवाहर जैन तृतीय, वरिष्ठ एकल में रेजीडेन्सी स्कूल प्रथम, एमडीएस द्वितीय तथा सीपीएस तृतीय रहे। समूह कनिष्ठ वर्ग में एमडीएस प्रथम, जवाहर जैन द्वितीय तथा महावीर विद्या मन्दिर गणेशघाटी तृतीय रहे। समूह वरिष्ठ वर्ग में एमडीएस प्रथम, जवाहर जैन द्वितीय, आलोक स्कूल फतहपुरा तृतीय रहे। प्रतियोगिता में प्रथम रहने वाले सभी स्कूल जयपुर में होने वाली राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेंगे।
प्रतियोगिता के निर्णायक मधुसूदन वैष्णव,अनिल मैसी व शशि चव्हाण थे। संचालन नीता खोखावत ने किया। निर्मला दुगड़ ने अणुव्रत के बारें में विचार व्यक्त किये। मंजू फत्तावत,बंसत कंठालिया, सुनीता नंदावत,कंचन नानावत ने कार्यक्रम में सहयेाग किया।