आयात-निर्यात हेतु नये अवसर तलाशने पर चर्चा
Udaipur. भारतीय निर्यातकों को अंतरराष्ट्री य बाजार की प्रतिस्पर्धा में टिकने में सबसे बड़ी बाधा उनकी (ट्रांजेक्शनन – व्यापारिक प्रक्रिया सम्बन्धी) लागत का अधिक होना है। अन्य प्रतिस्पर्धियों की तुलना में भारतीय निर्यातकों की परिवहन लागत 13 से 14 प्रतिशत तक अधिक है। अतः इस लागत में कमी लाना निर्यात के लिये सबसे पहली प्राथमिकता है।
ये विचार मुम्बई के जाने-माने आयात-निर्यात सलाहकार श्री अजीत शाह ने यूसीसीआई में आयोजित कार्यशाला के दौरान व्यक्त किये। निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिये सरकार को निर्यात सम्बन्धी लाईसेंस जारी करने तथा निर्यात अनुदान भुगतान की प्रक्रिया में तेजी लानी चाहिए व पेपर वर्क कम करना चाहिए। उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इन्डस्ट्री के तत्वावधान में मंगलवार को चेम्बर भवन के पी. पी. सिंघल सभागार में “आयात-निर्यात हेतु नये अवसर तलाशना“ विषयक दो दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न हुई।
समापन समारोह में चेम्बर अध्यक्ष महेन्द्र टाया ने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि चेम्बर की केपेसिटी बिल्ड्रिग योजना के अंतर्गत चेम्बर सदस्यों के लाभार्थ इस दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार एवं निर्यात हेतु डाक्यूमेन्टेशन जैसे व्यापक विषय को समझने तथा विभिन्न देशों में निर्यात हेतु इस प्रक्रिया को अपनाते हुए लाभ प्राप्त करने हेतु स्थानीय निर्यातकों से इस कार्यशाला से प्राप्त जानकारी का अधिक से अधिक लाभ उठाने का आव्हान किया।
तकनीकी सत्र के दौरान विषय विशेषज्ञ मुम्बई के विख्यात आयात-निर्यात सलाहकार श्री अजित षाह ने निर्यातकों को प्राप्त होने वाली रियायतों एवं निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं के बारे में बताया तथा उन्होनें उक्त रियायतें प्राप्त करने हेतु अपनाई जाने वाली प्रक्रिया तथा उससे संबन्धित कागजी कार्यवाही के विषय में प्रतिभागियों को जानकारी दी जिससे वे निर्यात व्यापार में इन रियायतों का लाभ प्राप्त कर सकें।
जेडडीएच/सीक्वा प्रोजेक्ट सब कमेटी के चेयरमेन विनोद कुमट ने बताया कि निर्यात व्यापार से जुड़े चार्टर्ड एकाउन्टेंट एवं अन्य प्रोफेशनल्सम को भी आयात एवं निर्यात सम्बन्धी नियमों एवं प्रक्रियाओं के विशय में मार्गदर्षन दिया गया जिससे से निर्यातको को बेहतर सेवा दे सके। सभी प्रतिभागियों ने दो दिवसीय कार्यषाला में भाग लेने के उपरान्त इसके पाठयक्रम पर संतोश प्रकट करते हुए बताया कि यह कार्यषाला उनके लिये अत्यन्त लाभप्रद सिद्ध हुई। भविष्यप में चेम्बर इस तरह के कार्यषालाओं का आयोजन निरंतर करता रहेगा।
यूसीसीआई की विदेश व्यापार सब कमेटी के चेयरमैन पवन तलेसरा ने बताया कि इस कार्यशाला में वॉलकेम इण्डिया, जे. के. टायर, पायरोटेक, टेम्पसन्स इंस्ट्रूमेन्ट्स, कॉर्पोरेट चैनल्स, बीएसईएस (इण्डिया), कैलाश खनिज उद्योग, कुन्दन स्विच गियर्स, मेवाड टैक्नोकास्ट, तलेसरा मार्बल्स, सोनी मार्बल्स, महावीर सीमेन्ट, प्रिन्स मार्मो आदि प्रमुख निर्यातक कम्पनियों के अधिकारियों, सीए फर्म हिंगड एण्ड एसोसिएट्स तथा पैसिफिक यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों ने भाग लिया।