स्थानीय शिक्षा विभाग पर उपेक्षा का आरोप
Udaipur. उदयपुर के शेष अनुदानित कार्यकर्ता अतिरिक्त जिला कलक्टर शहर मोहम्मद यासीन पठान से मिले और बचे हुए अनुदानित कार्यकर्ताओं को शिक्षा विभाग, उदयपुर को अविलम्ब समायोजन के आदेश प्रदान करने हेतु निर्देश देने की अपील की।
राजस्थान स्वेच्छा ग्रामीण शिक्षा सेवा नियम 2010 के अन्तर्गत राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत अनुदानित संस्थाओं के कर्मचारियों को 2012 में राज्य सरकार ने अपने यहां समायोजन कर लिया था लेकिन विशेष पदों पर कार्यरत कतिपय कर्मचारियों का समायोजन नहीं हो सका जिसमें उदयपुर शहर के मीरा कला मंदिर, राजस्थान महिला विद्यालय एवं राजस्थान विद्यापीठ के कुल 25 कर्मचारी बाकी रहे। राज्य सरकार ने इनके संदर्भ में नीतिगत निर्णय करते हुए निदेशक माध्यमिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर के आदेश से इन 25 कर्मचारियेां की सूची उपनिदेशक माध्यमिक शिक्षा को भिजवाते हुए इन कर्मचारियों का पद स्थापन विभाग में करने के निर्देश दिए, लेकिन शिक्षा विभाग उदयपुर द्वारा गत एक माह बीत जाने के बावजूद अभी तक समायोजन नहीं हो सका और इस बीच राजस्थान विद्यापीठ के 6 कर्मचारी राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर में चले गए और राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर ने दिनांक 23 अगस्त, 2013 को द्वितिय स्टे पीटिशन पर आदेश दिए कि नोटिस जारी किए जाएं और इस बीच याचिकाकर्ताओं के कनिष्ट लिपिक के पद पर समायोजन के सम्बंध में निदेशक माध्यमिक शिक्षा के आदेश को स्टे रखा जाए। इस स्टे पर शिक्षा विभाग ने पूरी सूची की कार्यवाही को रोक दिया जिससे वंचित कर्मचारियों में भारी असंतोष एवं रोष व्याप्त है।