दहशत में क्षेत्रवासी
फतहनगर. चोरों ने बुधवार की रात्रि को एक बार फिर धमाल मचाई तथा आवरीमाता मंदिर क्षेत्र में चार जगह वारदात को अंजाम दिया। रुक-रूककर नगर के विभिन्न हिस्सों में हो रही चोरी की वारदातों से नगरवासी दहशत में है। चोरियों की रोकथाम के लिए पुलिस के प्रयास भी नाकाफी साबित हो रहे हैं।
चोरों ने बीती रात्रि को 12 से 1 बजे के बीच चार स्थानों पर वारदात की। शनि मंदिर के समीप स्थित महादेव मंदिर के गेट का ताला तोडऩे का प्रयास किया तथा ताला नहीं खुलने पर गेट का कुंदा तोड़ प्रवेश किया। चोर दान पात्र समझ कर यहां से संदूक उठा ले गए। संदूक में पूजा के बर्तन एवं अन्य सामग्री थी। यह संदूक खेतों में पड़ा मिला। आवरीमाता के समीप चोर किशनलाल के मकान में घुसे जहां पर जाग हो गई लेकिन चोरों ने किशनलाल को बाहर नहीं निकलने दिया। किशनलाल ने बाहर निकर पहने आधे दर्जन से अधिक लठधारी चोरों को देखा। इसी क्षेत्र में देवीलाल तेली के सूने मकान को चोरों ने निशाना बनाया। देवीलाल रेलमगरा तहसील के खरतांणा गांव बावजी के गया हुआ था। रात को ही पड़ौसियों द्वारा सूचना मिलने पर वह भी वहां से भाग कर आया। यहां चोरों ने दो कमरों के ताले तोड़ कर सारा सामान बिखेर दिया। चोर देवीलाल के यहां से कुछ नकदी ले गए जबकि इसी के सामने स्थित देवेन्द्र तेली के यहां चोरों ने जिस कमरे में घर के लोग सोए हुए थे उसका बाहर से कुंदा लगा दिया तथा इत्मीोनान से दूसरे कमरे को खंगाल डाला। अनाज की कोठी में सामग्री संभाली। गुल्लक को बिखेरा तथा उसमें रखी 6200 रुपए की नकदी, टॉप्स व दो जोड़ी पायजेब निकाल ले गए। पास ही के मकान में भी घुसे तथा वहां के कमरों को बाहर से बंद कर दिया। चोरों के वहां से हटते ही लोगों ने पुलिस को इतल्ला की जिस पर तत्काल पुलिस वहां पहुंची तथा आस पास खोज बीन भी की लेकिन चोरों का कहीं पता नहीं चला। क्षेत्र के लोगों ने बताया कि यहां चोर पिछले एक पखवाड़े से उन्हें परेशान कर रहे थे। 30 अगस्त की रात को भी चोर मांगीलाल पारीक की बाइक उठा कर ले गए जिसकी पुलिस में रपट भी दर्ज है।
वारदात दर वादात हो रही है तथा पुलिस प्रशासन इन पर अभी तक अंकुश नहीं लगाया पाया है। पिछले दिनों चोरी की वारदातों के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया तथा आनन फानन में सीएलजी बैठक कर चोरियों पर अंकुश के लिए चर्चा करते हुए 10 सीपीओ लगाने की बात तय हुई। सीपीओ का क्षेत्र भी निर्धारित कर दिया गया था तथा उन्हें मानदेय भी बाजार से एकत्र कर देने के लिए प्रभारी मनोनीत कर दिए गए थे। योजना मूर्त रूप ले पाती, उससे पहले ही चोरों ने वारदातें कर पुलिस को चुनौती दे दी।