‘बिना चीर-फाड़ हृदय रोगों से कैसे बचें’ पर वार्ता
Udaipur. नई दिल्ली स्थित साओल हार्ट सेन्टर के निदेशक डॉ. बिमल छाजेड़ ने कहा कि दिल की बीमारी आजकल सामान्य बात है तथा बहुत तेज गति से बढ़ रही है। भारत में 10 करोड़ व्यक्ति दिल की बीमारी से ग्रसित है व 50 लाख व्यक्ति हर वर्ष इस बीमारी से मरते हैं। 10 रोगियों में से 9 पुरूष होते हैं व एक महिला। महिलाओं में यह रोग कम होता है।वे महावीर इन्टरनेशनल की अलका होटल में आयोजित बैठक को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंगने साओल का अर्थ समझाया। साइन्स एण्ड आर्ट ऑफ लिविंग यानि जीव पद्धति को बदलना। उन्होंने बताया कि लगभग 95 प्रतिशत हृदयरोगियों को बाईपास एवं एंजियोप्लास्टी की जरूरत नही है। यहां तक कि एंजियोलॉजी, एंजियोग्राफी एवं पुनः ब्लाकेज की भी नहीं। उन्होंने कहा कि कोलेस्ट्रॉॉल, ट्राई ग्लाईसिराइड, एचडीएल, एलडीएल, तनाव, रक्त शर्करा, धूम्रपान, अधिक वजन, व्यायायाम का अभाव, मदिरा सेवन, एंटी ऑक्साइड का कम सेवन आदि हृदयरोग के कारण हैं। इन सब में तनाव सबसे बड़ा कारण है। संतुलित आहार, जीरो ऑयल कुकिंग, जीवन शैली प्रबन्धन द्वारा, योग-ध्यान, व्यायाम के जरिये हृदयरोग से बचा जा सकता है। मुख्य वक्ता छाजेड़ ने शून्य तेल व खान-पान की अवधारणा पर विशेष जानकारी देते हुए इसे में लाने को कहा। आजकल एंजियोग्राफी के स्थान पर नॉन इन्वसिवसिटी एंजियोग्राफी का प्रचलन हो रहा है जिसमें बिना काटे कितना ब्लॉकेज है, उसका पता लगाया जा सकता है। अध्यक्षता एन. एस. खमेसरा ने की। सभापति पी. एल. रुंघटा थे।
ईश-वंदना के पश्चाखत् एन. एस. खमेसरा ने सभी का स्वागत किया। वीर एन.के. छाजेड़ ने संस्था की गतिविधियों की जानकारी प्रदान की। डॉ. एल. एल. धाकड़ ने मुख्य अतिथि का परिचय दिया। गणेश डागलिया ने स्मृति चिह्न भेंट किया। राज लोढ़ा ने धन्यवाद दिया। संचालन तेजसिंह चौधरी ने किया। महेन्द्र चतुर व भगवतीलाल मेहता के देहावसान पर दो मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि व्यक्त की।