रेयान इंटरनेशनल के बच्चे जुड़े़ वेदांता ‘खुशी’ से
Udaipur. वेदांता खुशी अभियान के रचयिता हेड कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन पवन कौशिक ने कहा कि आज के बच्चे ही भारत में वंचित बच्चों के प्रति जागरूकता लाने में अपनी भूमिका निभाएंगे। उन्होंने बताया कि किस प्रकार स्कूलों, अध्यापकों व बच्चों ने पोलियो ड्राप्स के प्रति आम जनता को जागरूक किया है उसी प्रकार वेदान्ता ‘खुशी’ अभियान को भी इन्ही बच्चों को सफल बनाना है, ताकि भारत में कोई भी बच्चा कुपोषित ना रहे।’’
वे रेयान इंटरनेशनल स्कूल में बच्चों को संबोधित कर रहे थे। अभियान से स्कूकल के छठीं-सातवीं कक्षा के लगभग 150 विद्यार्थी तथा स्कूल के अध्यापकगण भी वेदान्ता समूह के ‘खुशी’ अभियान से जुड़े़। वेदान्ता खुशी अभियान भारत में वंचित बच्चों के प्रति-उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सुपोषण के प्रति, आम जनता में जागरूकता लाने का एक महाअभियान है। इस दौरान बच्चों ने वंचित बच्चों के प्रति अधिक जानकारी हासिल की। गौरतलब है कि भारत में विश्वं में सबसे ज्यादा बच्चे हैं परन्तु दुःख की बात है कि भारत में सर्वाधिक कुपोषित बच्चे हैं तथा भारत में ही विष्व की सर्वाधिक बाल मृत्यु दर है।
रेयान इंटरनेशनल स्कूल के भारत में 120 स्कूल हैं जिसमें लगभग 2,50,000 से अधिक बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उदयपुर में रेयान इंटरनेशनल स्कूल ने चुनिन्दा 30 बच्चों का एक सोशल ट्रान्सर्फोमेशन क्लब भी बनाया है जो स्कूल के सामाजिक कार्यों को अंजाम देता हैं। स्कूल की प्रधानाध्यापिका पूनम राठौड़ ने बताया कि स्कूल के बच्चे ‘‘खुशी’’ अभियान से जुड़कर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं तथा शीघ्र ही उदयपुर में वंचित बच्चों के प्रति एक कार्यक्रम को अंजाम देंगे। इसी कार्यक्रम से स्कूल के शिक्षक भी जुड़गें तथा रेयान स्कूल की बाकी शाखाएं भी सम्मिलित होंगी। कौशिक ने बताया कि एक स्वस्थ और प्रगतिषील भारत के लिए वंचित बच्चों की देखभाल एक महत्वपूर्ण चुनौती है जिसे भारत सरकार, राज्य सरकार, एनजीओ, वेदान्ता जैसे बड़े उद्योग तथा आम जनता की भागीदारी एवं सहयोग से ही पूरा किया जा सकता है।