दंपती शिविर पर हुई कार्यशाला में पहुंचे 113 दंपती
तेरापंथ सभा का अनूठा आयोजन
udaipur. न्यायाधीश मेघना जैन ने कहा कि समाधान सभी के पास है लेकिन मनुष्य उसे पाने का प्रयास नहीं करता। विश्वास रखकर तथा संवाद कायम करके ही दाम्पत्य जीवन को सफल बनाया जा सकता है। वे तेरापंथी सभा की ओर से रविवार को अणुव्रत चौक स्थित तेरापंथ भवन में आयोजित दंपती शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रही थीं।
अध्यक्षता करते हुए मैनेजमेंट गुरु प्रो. पी. के. जैन ने कहा कि व्यवहार, सोच परिवर्तन, दूसरे की रुचि का सम्मान, प्रतिक्रिया न कर उत्तरदायित्व का अहसास करके हम दांपत्य जीवन को सुखी एवं दीर्घ बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि दांपत्य जीवन में सफलता सिर्फ भाषण सुनने या सुनाने से नहीं आ जाती। इसके लिए आवश्यकता है दोनों पक्षों में समझ का विकास होना और समझ के लिए जरूरी है पति-पत्नी दोनों मनोवैज्ञानिक व वैज्ञानिक कारणों को जानें जिसके कारण पति व पत्नी दोनों का व्यवहार अलग तरह का होता है। सभी स्तर के भेद को समझना, उसका आदर करना और उसी के हिसाब से व्यवहार में समायोजन करना, ये सभी एक सफल दांपत्य जीवन के लक्षण हैं।
मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. राजेश्वरी नरेन्द्रन ने कहा कि हम वॉच की तरह बनें। अच्छी चीजों का चिंतन, मनन एवं आचरण करके हम दांपत्य जीवन को सफल बना सकते हैं। वॉच आवर वड्र्स, वॉच ऑवर एक्शन, वॉच आवर थॉट्स, ऑवर कैरेक्टर, वॉच आवर हेबिट्स आदि। उन्होंने कहा कि जीवन की दौड़ में अपनों से आगे बढऩे की होड़ में कहीं न कहीं जीवन मूल्यों से, शांति से, परिस्थितियों से समझौता करना नागवार गुजरता है। हालांकि मनुष्य आज सभी प्रकार से वैभव संपन्न है लेकिन फिर भी मन के किसी कोने में शांति का अभाव, पीपल की छांव, गिल्ली-डंडे का खेल, भरे-पूरे परिवार, गांव की चौपाल, तालाब के ठंडे पानी में छपाक से कूदना आदि का अभाव खटकता है। आज की दांपत्य परक आधारिक यह कार्यशाला निश्चय की एक बार फिर चिंतन, मनन, अनुशीलन व आचरण योग्य अलख जगाने में सहायक सिद्ध होगी। डॉ. नरेन्द्रन ने दंपत्तियों से कागज पर उनके पार्टनर की रुचि-अरुचि लिखवाकर अलग-अलग प्रयोग भी करवाए। इसमें युवा एवं बुजुर्ग दंपत्तियों ने भी हिस्सा लिया।
इससे पूर्व चातुर्मास कर रहे शासन श्री मुनि रवीन्द्र कुमार ने कहा कि दांपत्य जीवन की सफलता के लिए वाणी में शुगर फैक्ट्री एवं दिमाग में आइस फैक्ट्री लगाकर देखो, सफलता स्वयं तुम्हारे कदम चूमेगी। तपोमूर्ति मुनि पृथ्वीराज ने कहा कि तालमेल एवं सहनशीलता की कमी दांपत्य टूटने के मुख्य कारण हैं। सकारात्मक सोच एवं सहिष्णुता के विकास से दांपत्य जीवन सुखी बना सकते हैं। उन्होंने सामंजस्य की अनुपे्रक्षा भी करवाई।
तेरापंथी सभा के अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने बताया कि कार्यशाला में 113 दंपत्तियों ने भाग लेकर कार्यशाला की महत्ता को दर्शाया। मंगलाचरण सोनल सिंघवी, शशि चव्हाण, मोनिका कोठारी, पायल चपलोत एवं ममता सोनी ने किया। अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंटकर तेरापंथ युवक परिषद के मंत्री अभिषेक पोखरना एवं ममता सोनी ने सम्मान किया। संचालन मंत्री अर्जुन खोखावत ने किया। आभार कार्यशाला संयोजक प्रदीप सोनी एवं प्रणिता तलेसरा ने जताया।