बेणेश्वर धाम में बोले आरएसएस के सरसंघचालक
Udaipur. हम हिन्दू है। हिन्दुओं का देश है। हिन्दुओं की प्रतिष्ठा करने वाले दल का समर्थन करना चाहिए। जो अयोध्या में राम मंदिर बनाएगा, जो धर्मान्तरण रोकेगा, जो गो हत्या रोकेगा, जो घुसपैठ रोकगा वही देश पर राज करेगा। ये विचार आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने व्यक्त किए।
वे बांसवाड़ा के समीप बेणेश्वार धाम में मानगढ़ धाम बलिदान शताब्दीआ समिति की ओर से आयोजित हिन्दू धर्म सम्मे़लन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में दो राजनीतिक पार्टियों का संघर्ष जारी है। एक धर्म का साथ लिए है, दूसरा अधर्म का। हमें सत्य का साथ देना चाहिए। सत्य और प्रेम भगवान का स्वरूप है। जन-जन में जनार्दन को देखो। जो धर्म पर चल रहे हैं, उन्हें स्थापित करना चाहिए। नया भारत सामान्य जनता से उठेगा। फाईव स्टार होटल संस्कृति से देश में परिवर्तन नहीं होगा। झोंपड़ियों में रहने वाले गाँववासियों के माध्यम से देश में परिवर्तन होगा। वर्तमान में हमारी लड़ाई घर से लेकर दिल्ली तक है। लड़ने वाले को जोश के साथ होश में रहना चाहिए। सब रास्ते एक ईश्वर की ओर जाते है। मैं जिस पूजा पद्धति में हूं, उसी मैं रहूंगा। अपने धर्म को नहीं छोड़ेंगे। स्वधर्म का पालन करेंगे। हमें झांसों में नहीं आना है। विज्ञापन के माध्यम से विदेशी सामग्री बेचने के साथ वोट बेचने का धंधा भी चल पड़ा है। इनको ध्यान में रखते हुए हमें सत्य के लिए 100 प्रतिशत मतदान करना है। भागवत ने मावजी महाराज एवं गोविन्द गुरू के उद्धेश्यों को अपनाने का आग्रह किया। हम सभी सत्य और धर्म के मार्ग सदा चलते रहे।
आज के कार्यक्रम में उत्तम स्वामी व बेणेश्वर धाम के पीठाधीश अच्युतानन्द महाराज ने भी विराट हिन्दू धर्म सभा को सम्बोधित किया। कार्यक्रम का प्रारम्भ गौ पूजन व गोविन्द गुरू के चित्र पर माल्यार्पण दीप प्रज्ज्वलन के साथ प्रारम्भ हुआ। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत खिलड़ियों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन भुवनमुकन्द पण्ड्या ने किया। वर्षभर चले कार्यक्रमों का प्रतिवेदन प्रांत धर्म जागरण समन्वय विभाग के प्रमुख मनफूल सिंह ने प्रस्तुत किया। इस धर्म सभा में गांव-गांव व ढाणियों से डेढ लाख से अधिक वनवासी बंधुओं ने पूर्ण उत्साह से भाग लिया। वे पारम्परिेक ढोल नगाड़ों के साथ नृत्य करते हुए सभा स्थल पर पहुंचे। सभा स्थल मार्ग में भूरेठिया नी मानू से नी मानू से नामक भजन गाते हुए आए। भूरेटिया नी मानू भजन की मंच से प्रस्तुति दी गयी। देश की स्वतंत्रता के समय अंग्रेजों के विरूद्ध गाया गया गीत आज भी वनवासियों के मध्य अत्यन्त लोकप्रिय है। भागवत को स्थानीय स्तर पर निर्मित धनुष बाण, गोफण भी भेंट की गई।