फतहनगर. मावली तहसील के घासा गांव में चातुर्मास सभा के दौरान मेवाड़ प्रवर्तक मदनमुनि ने कहा कि जीवन में ऐसे कर्म करों कि हमें देवगति मिले। उन्होने कहा कि घोर पापाचार करने वाले जीव अपने पापों का फल भोगने के लिए अधोलोक के जिन स्थानों में पैदा होते हैं और अपने पापों के अनुसार भयंकर कष्ट भोगते हैं, वही नरक गति है।
उन्होने कहा कि कर्म के उदय से प्राप्त जीवों की गति को देव गति कहते हैं। इसमें जीव अपने द्वारा उपार्जित शुभ कर्मों के दिव्य भोग भोगते हैं। मुनि ने फरमाया कि हम जीवन में ऐसे कर्म करें कि हमें देवगति मिले। सभा में डॉ. सुभाष मुनि, रविन्द्रमुनि, प्रदीप मुनि आदि ने भी प्रवचन दिए। कर्यक्रम में भूपालपुरा उदयपुर श्री संघ, व.स्थानकवासी जैन श्रावक संघ आकोला, कुंवारिया श्रीसंघ के अलावा भीलवाड़ा, नीमच, दोवड़ आदि क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं आए। कार्यक्रम में जैन कॉन्फ्रेंस के प्रान्तीय कार्यकारी अध्यक्ष बलवन्तसिंह हिंगड़, मंत्री राजमल जैन, पावनधाम के सह कोषाध्यक्ष रोशनप्रकाश, ओमप्रकाश चपलोत, शांतिलाल बम्ब, अशोक सूर्या, मेवाड़ संभाग उपाध्यक्ष मदनलाल, युवा मंत्री गोपाल सहलोत आदि प्रमुख लोग थे। संचालन एवं स्वागत राकेश डांगी, समरथलाल बड़ालमिया, माधवलाल आदि ने किया। लक्ष्मीलाल डांगी ने बताया कि महावीर भवन में चातुर्मास कार्यक्रम के तहत ही 10 अक्टूयबर को आयंबिल ओली प्रारम्भ होगी तथा इसका समापन 18 अक्टू्बर को होगा। 13 अक्टूपबर को उपाध्याय प्रवर कस्तुरचंद म.सा. का स्मृति दिवस मनाया जाएगा।