गुणवत्ताि प्रबंधन की समझ से बेहतर रोजगार एवं बेहतर उत्पादकता
विद्या भवन पॉलीटेक्निक में पांच दिवसीय कार्यशाला
Udaipur. देश में इंजीनियर डिग्री व डिप्लोमा कर रहे 75 प्रतिशत युवा उद्योगों के मानकों पर खरे नहीं उतरते। गुणवत्ताश मानकों के प्रयोग, प्रबंधन तथा सुरक्षा प्रावधानों की अधूरी समझ के कारण उद्योग जगत ऐसे युवाओं को असक्षम मानता हैं। ऐसे में भारत सरकार की संस्था क्वालिटी काउन्सिल ऑफ इण्डिया ने पहले चरण में इंजीनियरिंग एवं पॉलीटेक्निक के शिक्षकों को गुणवत्ताल प्रबंधन मानकों एवं तरीकों पर प्रशिक्षित करने का निर्णय किया।
यह जानकारी राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के प्रो. हेमन्त सूद ने विद्या भवन पॉलीटेक्निक महाविद्यालय में पांच दिवसीय गुणवत्ता् प्रबंधन कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में दी। नेशनल काउन्सिल ऑफ क्वालिटी मैनेजमेंट के उत्त र क्षेत्रीय समन्वयक राहुल राज ने कहा कि उद्योगों सहित जीवन के हर क्षेत्र में गुणवत्तात का महत्वे व भूमिका सर्वोपरि है। तकनीकी विद्यार्थियों के गुणवत्ता प्रबंधन में प्रशिक्षण से उद्योग जगत व तकनीकी शिक्षण संस्थाओं में फासला कम होगा एवं तकनीकी विद्यार्थी पहले दिन से ही उद्योगों के लिये लाभदायी, उद्देश्यपूर्ण व सार्थक साबित होंगे। उद्योग जगत को भी “कॉस्ट ऑफ हायरिंग का भार नहीं उठाना पड़ेगा। राज ने कहा कि तकनीकी विद्यार्थी को ऑक्यूपेशनल हेल्थ एण्ड सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम 18001, इनवायरमेन्ट मैनेजमेन्ट सिस्टम 14001, क्वालिटी मैनेजमेंट सिस्टम 9001, सिक्स सिग्मा, फाइव एस, काइजन, लीन मैनेजमेंट पर प्रशिक्षित करने के लिए भारत सरकार व्यापक स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर रही है।
कार्यशाला उद्घाटन समारोह में सुखाड़िया विश्वविद्यालय के पूर्व अधिष्ठाता डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि किसी भी सफल इंजीनियर के लिये अभिव्यक्ति पूर्ण एवं कुशल प्रबंधक होना बहुत जरूरी है। प्राचार्य अनिल मेहता ने बताया कि पांच दिवसीय कार्यशाला में राजस्थान के बीकानेर, चित्तौहड़़गढ़, कोटा, राजसमंद व उदयपुर से पॉलीटेक्निक शिक्षक भाग ले रहे हैं।