‘चर्चा चौपाल’ में जुगनू शारदेय का व्याख्यान
Udaipur. भावी पत्रकारों को तथ्य, तर्क और विश्लेषण को गम्भीरता से समझना होगा ताकि वे अपनी कलम को सशक्त बनाकर अपना कैरियर पत्रकारिता में संवार सकें। यह कहना है पटना के वरिष्ठ पत्रकार जुगनू शारदेय का।
वे मोहनलाल सुखाडि़या विश्व विद्यालय के पत्रकारिता विभाग की ओर से आयोजित चर्चा चौपाल कार्यक्रम के तहत सोमवार को आयोजित व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे। धर्मयुग और दिनमान जैसी पत्रिकाओं में कालमिस्टआ रहे जुगनू शारदेय ने कहा कि पत्रकार को भाषायी जिम्मे दारी का अहसास बेहद जरुरी है क्योंकि पाठक और दर्शक संचार माध्यामों की भाषा से अपनी भाषा गढ़ते हैं। किस तरह के शब्दो का प्रयोग करना है और किसका नहीं, इसका ध्यान भी पत्रकार को होना चाहिए। भावी पत्रकारों में भाषा संस्कार होना जरुरी है। स्टार न्यूज के शुरुआती दौर में स्टााइल शीट बनाने वाले जुगनू शारदेय ने कहा कि तथ्यों की भूल और तथ्यों से छेड़छाड़ पत्रकार के लिए अक्षम्य अपराध है। इससे पत्रकारों की छवि का निर्माण होता है जो स्वछच्छ होना आवश्यकक है। उन्होंने टीवी और फिल्मों में परोसी जा रही अश्लीलता पर चिन्ता व्यक्त करते हुए फिल्म समीक्षक के दायित्वों को भी रेखांकित किया। उन्हों ने कहा कि पटकथा और संवाद में एक महीन रेखा होती है जो दर्शक की हैसियत से फिल्म पत्रकार को समझना होगा। उन्हों ने कहा कि इंटरनेट पर हमारा लेखन अभी परिपक्वा नहीं हो पाया, लेकिन अब प्रकाशन का संकट नहीं है। आप अपने ब्लॉग और सोशल नेटवर्किंग से अपनी बात जनता तक पहुंचा सकते है। शुरु में पत्रकारिता विभाग के प्रभारी डॉ. कुंजन आचार्य ने सभी का स्वागत किया।