Udaipur. उदयपुर शहर से साठ किमी दूर मालवा अंचल के भीण्डर कस्बे में तीन सौ से भी अधिक वर्ष पुराना माँ कालिका का मंदिर स्थित है। माता यहां मुखारविंद स्वरुप में विराजित है। किवदंती है कि माता का यह रुप जमीन से प्रकट हुआ है। नवरात्र में यहां भक्तों का सैलाब उमड़ता है।
मेवाड़ के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक कालिका माता का यह मंदिर हिन्दू मुस्लिम सौहार्द का भी प्रतीक है। माता के निज भवन के बाई और मुस्लिम समुदाय की आस्था के प्रतीक पीर बाबा की मजार स्थित है। मंदिर में आने वाला प्रत्येक भक्त दोनों ही धार्मिक स्थलों पर अपनी आस्था को प्रकट करते है। माता को प्रतिदिन सुबह चावल का भोग लगाया जाता है , मान्यता है कि माता के आशीर्वाद से भूत-प्रेत के प्रभाव वाले लोगों को यहां आने से उन व्याधियों से मुक्ति मिलती है। नवरात्रि में यहां भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। प्रत्येक रविवार को माता की चौकी लगती है जिसमें आने वाले भक्तों को आशीर्वाद प्रदान किया जाता है। मंदिर परिसर में ही लोक देवता खाकलदेव का भी स्थान है। ऐसा माना जाता है कि यहां सांप या श्वान के काटे जाने पर उसके जहर का प्रभाव कम हो जाता है जिसके कारण अंचल में इस शक्तिपीठ के प्रति गहरी आस्था है। सभी जिला मुख्यालयों से भींडर के लिए बस की सुविधा उपलब्ध है।
जयप्रकाश माली