परम्परागत संग्रहण, कृषि पद्धतियों पर करेंगे मंथन
Udaipur. संग्रहण की परम्परागत तकनीक एवं कृषि पद्धतियों का इतिहास पर मंथन हेतु देश भर के 150 से अधिक पुरातत्वविद 27 एवं 28 अक्टूबर को दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ में जुटेंगे| देश भर से आने वाले पुरातत्वविद व शोधार्थी अनाज भण्डारण तथा कृषि पद्धतियों पर तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत करेंगे|
कुलपति प्रो. एस. एस. सारंगदेवोत ने बताया कि जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विवि की ओर से होने वाली इस राष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन कुलाधिपति प्रो. भवानी शंकर गर्ग करेंगे| अध्यक्षता कुलपति प्रो. एस. एस. सारंगदेवोत, विशिष्ट अतिथि इतिहासविद प्रो. मनोहर सिंह राणावत, जीवनसिंह खरकवाल तथा डेक्कन कॉलेज के वाईस चांसलर प्रो. वी.एस. शिंदे होंगे|
इन विषयों पर होगा मंथन : साहित्य संस्थान के निदेशक डॉ. ललित पाण्डेय ने बताया कि सेमिनार में संग्रहण और कृषि के पुरातात्विक रेकड़, संग्रहण एवं कृषि के साहित्यिक स्त्रोत, विभिन्न पर्यावरणों में संग्रहण की तकनीक में परिवर्तन, परम्परागत सरंक्षण में काम आने वाली वस्तुएं, विभिन्न पर्यावरणों में कृषि की तकनीक में परिवर्तन, कृषि उपकरण, दक्षिण एशिया में पौधों का डोमेस्टिकेशन भी सरंक्षित करने की विभिन्न विधियां, कृषि से समबन्धित धार्मिक रूप एवं अधिकार विषयों पर मंथन किया जाएगा|
यह होंगे विशेषज्ञ : प्रो. वी.एस. शिंदे डेक्कन कॉलेज के वाईस चांसलर, कुलपति प्रो. विद्याधर पानट, डॉ. ओ.सी. हांडा, प्रो. अजीत प्रसाद, डॉ. जिब्रायल हयात, डॉ. जे. सी. उपाध्याय, डॉ. राजेश मीणा, डॉ. मुरारीलाल शर्मा, डॉ. कँवर सिंह सहित शोधार्थी भाग लेंगे|
यहां से आयेंगे : ग्वालियर, पुना, बडौदा, इंदौर, मसूरी, देहली, अलीगढ़, कोलकाता, सिकंदराबाद, कोटा, जोधपुर, जयपुर, बीकानेर, मेरठ, मुंबई, नासिक, सीतामहू, भोपाल, हिमाचल प्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों से विषय विशेषज्ञ भाग लेंगे|