झीलें तो भर जाएंगी लेकिन फसलें?
Udaipur. जाता जाता मानसून झीलों को भले ही भर जाए लेकिन किसानों की आंखों में आंसू न दे जाए, आने वाला वर्ष अन्नन की दृष्टि से कहीं अकाल वर्ष साबित न हो जाए, कुछ ऐसी ही आशंकाएं नवरात्रा में लगातार हो रही बारिश से न सिर्फ किसानों बल्कि ज्योातिर्विदों के मन में भी उठने लगी हैं।
ज्योतिर्विदों के अनुसार नवरात्रा में बारिश शुभ नहीं कही जा सकती है। दो-तीन दिन से लगातार हो रही बारिश से न सिर्फ जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है बल्कि किसानों की फसलों को बचाना भी मुहाल हो रहा है। जिसने फसल काट दी वो तो ठीक, जो नहीं काट पाया वह तो अटक गया।
बुधवार को भी मंगलवार की तरह बारिश का क्रम जारी रहा। मंगलवार देर रात रह रहकर होती रही बारिश सुबह पौने दो इंच दर्ज की गई। जलाशयों में पानी की आवक बरकरार है। मदार नहर में भी पानी आ रहा है जिससे फतहसागर का जल स्तयर 12 फीट हो चुका है। इसकी भराव क्षमता 13 फीट है। सीसारमा से पानी की अधिक आवक होने से स्वरूपसागर के गेट रात को भी खोले गए। मौसमविदों के अनुसार अभी मौसम साफ होने में दो दिन लगेंगे।