विद्या भवन पॉलीटेक्निक में गुणवत्ता प्रबन्धन पर कार्यशाला
Udaipur. पांच स (एस) से जीवन के हर क्षेत्र में गुणवत्ता लाई जा सकती है। सही चयन (सोर्टिंग), सलीके से व्यवस्थित करना (सिस्टेमाइटिजिंग), साफ-सुथरा रखरखाव (स्पिक एंड स्पान), स्वच्छता तथा स्वअनुशासन। इन पांच स से हर व्यक्ति जीवन को गुणवत्ताापूर्ण बना सकता है।
ये विचार भारत सरकार की संस्था क्वालिटी काउंसलिंग ऑफ इंडिया के प्रतिनिधि राहुल राज ने विद्या भवन पॉलीटेक्निक में आयोजित पाँच दिवसीय गुणवत्ताि प्रबंधन कार्यशाला के समापन समारोह में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि विभिन्न वैज्ञानिक तरीकों एवं माध्यमो से जीवन के हर एक क्षैत्र में गुणवत्तात लाई जा सकती है। गुणवत्ता मात्र एक विचार नहीं बनकर जीवन पद्धति बने, इसके लिए व्यापक स्तर पर शिक्षण प्रशिक्षण सहित शिक्षा, निर्माण व उत्पादन के विभिन्न क्षेत्रों में गुणवत्ताा मानकों को अनिवार्य बनाना आवश्यक है।
समारोह में राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के उद्यमिता विभाग एवं उद्योग समन्वयक प्रकोष्ठ के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. वी.एस. राठौड़ ने कहा कि तकनीकी विकास संस्थाओं के शिक्षक एवं विद्यार्थी देश में गुणवत्ता.पूर्ण तकनीकी एवं उत्पादन परिवर्तनों के लिए वाहक एवं कारक बने। देश मे उद्योगों एवं शिक्षण संस्थाओं में परस्पर सम्बन्धी एवं विभिन्न वैज्ञानिक गुणवत्ताे प्रबंधन तरीकों के समावेश से ही सर्वव्यापी विकास के लक्ष्य को पूर्ण किया जा सकता है। राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के पाठ्यक्रम विकास प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डा. ए. बी. गुप्ता ने गुणवत्तास प्रबंधन के विभिन्न सांख्यकी तरीकों का संदर्भ देते हुए कहा कि ये तरीके केवल वैज्ञानिकों व तकनीकीविदों के लिए नहीं है बल्कि हर व्यक्ति हर क्षेत्र में इनका उपयोग कर गुणवत्ताक ला सकता है। प्राचार्य अनिल मेहता ने बताया कि पांच दिवसीय कार्यशाला में लीडरशिप, टीमवर्क, प्रशिक्षण पद्वतियों, पांच एस, काईजन, लीन मैनेजमेन्ट, सांख्यिकी प्रक्रिया नियन्त्रण, गुणवता के सात तरीके, पर्यावरण प्रबन्धन, सुरक्षा प्रबन्धन, समय प्रबन्धन आदि विषयों पर प्रशिक्षण हुआ। कार्यशाला का आयोजन राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, चण्डीगढ एवं क्वालिटी काउंसलिंग ऑफ इंडिया ने किया।