सफाईकर्मियों ने जताया आक्रोश
Udaipur. स्थानीय निकायों में सफाई कर्मचारियों की भर्ती को लेकर दस वर्षों से लगातार सरकारें सफाईकर्मियों के साथ भर्ती के नाम पर धोखाधड़ी कर रही है। 17 वर्ष बाद भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन आचार संहिता से फिर रोक लग गई, जिससे आवेदक सफाईकर्मियों को भारी आघात लगा है।
सफाई कर्मचारी संघ के सम्भागीय अध्यक्ष मुरली मनोहर बंधु ने आरोप लगाया कि राज्य में कांग्रेस सरकार यदि समय रहते सफाईकर्मियों की भर्ती की स्वीकृति जारी करती और मामले में बराबर मॉनिटरिंग करती तो आज प्रदेश के सभी निकायों में निश्चित रूप से सफाई कर्मचारियों को रोजगार मिल जाता, लेकिन सरकार को ठेका प्रथा पर ही विश्वास है। निजी कम्पनी के ठेकेदार महानगरों से लेकर छोटे शहरों तक ठेके लेकर सफाई कर्मचारियों का शोषण कर रहे हैं। उन्हें अपने वक्त की रोटी के लिए उनके अधीन काम करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। इस वर्ष सफाई कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से सैंकड़ों सफाई कर्मचारियों की खुशी की लहर छाई लेकिन अंत्ततोगत्वा परिणाम से फिर निराशा हाथ लगी। सम्भागीय अध्यक्ष ने चेतावनी दी कि सफाई कर्मचारियों के साथ कुठाराघात करने वालों को आगामी चुनाव में इसके परिणाम भुगतने होंगे।