धूमधाम से मनाया धन्वन्तरि महोत्सव
Udaipur. राजकीय आदर्श आयुर्वेद औषधालय सिंधी बाजार में धन्वन्तरि सप्ताह के अन्तर्गत आयुर्वेद चिकित्सा के आराध्य भगवान धन्वन्तरि का आविर्भाव दिवस ‘धन्वन्तरि महोत्सव-2013’ के रूप में मनाया गया। औषधालय प्रभारी डॉ. शोभालाल औदिच्य ने आयुर्वेद के पुरातन व वर्तमान महत्व को बताते हुए विज्ञान व अध्यात्म के साथ जोडने पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि जब तक विज्ञान को अध्यात्म से नहीं जोडा जाता, वह पूर्णता प्राप्त नहीं कर सकता। हमारे पूर्वज ऋषि मुनियों द्वारा आरम्भ से ही आयुर्वेद को अध्यात्म से जोड़ दिया था जिसके परिणामतः आयुर्वेद में आज भी पूर्णताः को देखते हुए सम्पूर्ण विश्व इसे स्वीकार कर अपने दैनिक जीवन में स्वीकार कर रहा है। आयुर्वेद विज्ञान ही नहीं पूर्ण आध्यात्मिक ग्रंथ है।
डॉ. औदीच्य ने बताया कि आयुर्वेद के सभी अमृतो में श्रेष्ठ है और इससे साध्य रोगो का समूल नाष संभव है। उन्होंने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति के परोसे गये खान-पान, रहन-सहन हमारी वास्तविक व वैज्ञानिक पारम्परिक व्यवस्था में कोढ साबित हो रहा है एवं आयुर्वेद प्रकृति आधारित वैज्ञानिक चिकित्सा पद्धति है, वर्तमान में मनुष्य की लाइफ स्टाइल बीमारियों (रक्तचाप, डायबिटीज, थाइराइड, कैंसर) को आयुर्वेद में बताये नियमों का पालन कर बचा जा सकता है। कार्यक्रम की शुरूआत पं. उमेशचन्द्र गौड़ ने भगवान धन्वन्तरि की पूजा अर्चना कर की। इस अवसर पर गणमान्य नागरिक अशोक कुमार पोखरना, यशवन्त गुप्ता, इब्राहीम खान, रुक्मिणी कलासुआ, अमृतलाल मीणा, शंकरलाल मीणा, इन्द्रा डामोर, अमृतलाल, रामसिंह ठाकुर, गजेन्द्र आमेटा, भगवानलाल औदिच्य रविन्द्र दाहिमा, विकास औदिच्य आदि उपस्थित थे।