गोवर्धन पूजे, हुआ अन्नकूट, मनाई भाई दूज
Udaipur. सोमवार को विभिन्न देव स्थानों पर जहां अन्नकूट के आयोजन हुए वहीं घरों में महिलाओं ने गोवर्धन पूजा की। मंगलवार को भाई दूज के पांच दिवसीय दीपोत्सव पर्व का समापन हुआ।
इसके तहत गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की अल्पना बनाकर उनकी पूजा की जाती है। फिर उन्हेंह प्रसन्न करने के लिए अन्नीकूट का भोग लगाया जाता है। अन्नककूट में घरों में लप्सी , चावल, चंवला आदि बनाकर भोग लगाते हैं। पुरातन परम्परा के अनुसार पहले इस दिन इंद्रदेव की पूजा की जाती थी। श्रीकृष्णर ने इंद्र के बजाय गोवर्धन की पूजा करने पर बल दिया। उनका मानना था कि गोवर्धन न सिर्फ गोधन की रक्षा करते हैं बल्कि वृक्ष देते हैं। ऐसे में हमें उनका पूजन-वंदन करना चाहिए। वे हमारी प्रकृति की रक्षा करते हैं। हालांकि इसके बाद इंद्र ने ब्रजवासियों को भारी वर्षा से डराने का प्रयास किया, लेकिन ब्रजवासी भगवान कृष्ण का आसरा पाकर अडिग रहे।
ईण्टाली मे अन्नकूट मेला
फतहनगर. ईण्टाली मे प्रतिवर्ष की भांति इस मर्तबा भी दीपावली व खेंखरा पर आयोजित होने वाले अन्नकूट मेले मे बड़ी तादाद में लोग उमड़े। चारभुजा मन्दिर चौक, सदर बाजार, लक्ष्मीनारायण मन्दिर चौक से बस स्टैण्ड तक बाजार को सजाया गया व भगवान लक्ष्मीनारायण को आकर्षक श्रृंगार धराया गया। दिन भर लोगों का तांता लगा रहा। सांयकाल महिलाएं दीपक के थल सजा कर मंदिर पहुंची तथा दर्शन किए। दूसरे दिन सुबह मन्दिर चौक में दो बैलगाड़ी भरे गन्ने लुटाये गये। यहां का प्रचलित गन्ने का अन्नकूट हर व्यक्ति ने बड़े चाव से लूटा। सांयकाल 5 बजे चारभुजा मन्दिर चौक में सामूहिक बैल पूजन किया गया जिसे देखने भारी भीड़ उमडी। इस दौरान प्रतियोगिता भी हुई। रात्रि 8.30 बजे लक्ष्मीनारायण मन्दिर चौक में सवा क्विंटल चावल का अन्नकूट आदिवासी समुदाय ने लूटा। इसे देखने के लिए भी ईंटाली समेत आस पास के गांवों से बड़ी संख्या में लोग उमड़े। रात्रि 10 बजे से सांस्कृतिक संघ्या का आयोजन किया गया जिसमें मारवाड़ी खेल जगदेव कंकाली का मंचन किया गया। देर रात तक लोग इसे देखने के लिए जमे रहे।
आदिवासियों ने लूटा अन्नकूट
फतहनगर. वर्षों से यहां के द्वारिकाधीश मंदिर में खेंखरे के अवसर पर अन्नकूट लूटने की परम्परा का निर्वहन करते हुए आदिवासियों ने अन्नकूट लूटा। इसी के साथ विभिन्न मंदिरों पर अन्नकूट के आयोजन भी शुरू हो गए। खेंखरे की शाम द्वारिकाधीश मंदिर में प्रभुश्री के सामने मंदिर के दरवाजे पर चावल व चंवले के अन्नकूट का ढेर लगाया गया। मंदिर के मुख्य द्वार पर आदिवासियों ने थाली मांदल की थाप पर गवरी नृत्य किया। नृत्य के दौरान आदिवासी मंदिर के दरवाजे पर प्रहार भी करते गए। सवा आठ बजे मंदिर के कपाट खोले गए। द्वारिकाधीश के जैकारों के साथ ही आदिवासियों का समूह अन्नकूट के ढेर पर जा गिरा तथा जिसे जितना भी मिला वह लेकर चलता बना। आदिवासी अन्नकूट ले जाते वकत खुशी से लबरेज थे। प्रभुश्री की आरती की गई। लोगों ने द्वारिकाधीश का छप्पनभोग के साथ दर्शन लाभ लिया। दर्शनोपरान्त अन्नकूट का प्रसाद वितरण किया। नगरवासियों ने सजी का अन्नकूट लिया। इस मर्तबा ३० किवंटल सजी का अन्नकूट बनाया गया। अन्नकूट लेने के लिए पिछले वर्ष के मुकाबले तीन गुना अधिक भीड़ रही। पुलिस प्रशासन भीड़ को नियन्त्रित करने में लगा रहा। बाजार में अन्नकूट के लिए लोगों की लम्बी कतारें भी लगी। अन्नकूट लेने के लिए आस पास के गावों से भी बड़ी संख्या में लोग आए। मंदिर के बाहर मैन चौराहे पर आतिशबाजी भी की गई जिसे निहारने के लिए बड़ी तादाद में लोग जमा रहे। हालांकि मंदिर मण्डल प्रशासन ने आतिशबाजी नहीं करने का अनुरोध किया था लेकिन उत्साही युवकों ने परम्परा को जारी रखा। थानाधिकारी रघुवीरसिंह शेखावत के नेतृत्व में जाता लगा रहा तथा भीड़ को नियन्त्रित किया।
बंद हो गई बैल पूजा : खेंखरे पर मंदिर के बाहर बैलों के पूजन की परम्परा रही है लेकिन आतिशबाजी का दौर चल जाने एवं गोवंश के सीमित हो जाने के बाद यह परम्परा धीरे-धीरे बंद हो गई। अब न तो बैल दिखते हैं और न ही किसान। प्रतीकात्मक रूप से भंवरलाल पालीवाल ने चंवले के अन्नकूट से बैल पूजन किया।
विनायक मंदिर में आज अन्नकूट : गणपतलाल स्वर्णकार ने बताया कि विनायक नगर स्थित गणेश मंदिर में बुधवार को अन्नकूट एवं छप्पनभोग का आयोजन किया जाएगा। सायं 7 बजे महाआरती होगी तथा 7.30 बजे से प्रसाद का वितरण शुरू हो जाएगा। यहां आदिवासी चावल का अन्नकूट लूटेंगे जबकि 31 क्विंटल सब्जीण का अन्नकूट वितरण किया जाएगा।