मावली भाजपा में बगावत
अब तो आर-पार का निर्णय
फतहनगर. मावली विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर मण्डी के पूर्व चेयरमैन दलीचंद डांगी को टिकट देने से खफा लोगों के स्वर मुखरित होने लगे हैं। वरिष्ठ नेता मांगीलाल जोशी खुलकर सामने आ चुके हैं तो धर्मनारायण जोशी के समर्थक कटारिया का विरोध कर रहे हैं।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष शांतिलाल चपलोत के समर्थक इस समय शांत हैं। चपलोत के समर्थकों के चुप रहने के पीछे कारण भी है कि दलीचंद शुरू से ही चपलोत गुट में रहे हैं। मांगीलाल जोशी भी चपलोत गुट के साथ रहे हैं लेकिन उन्होने अपने स्वर मुखरित करते हुए भाजपा नेतृत्व को ललकारा है। पूर्व क्रीड़ा परिषद के अध्यक्ष धर्मनारायण जोशी का कहना है कि टिकट उन्हीं का पक्काक था लेकिन दिल्ली में कटारिया ने उनके नाम पर विरोध किया था। इसकी जानकारी उन्हे 4 नवम्बर को ही मिल गई थी कि उन्हें टिकिट नहीं मिलने वाला है। उन्हें आशा थी कि चन्द्रगुप्तसिंह चौहान को टिकट मिलेगा लेकिन दलीचंद डांगी को टिकट दे दिया गया। जहां तक विरोध की बात है। मैं पार्टी से ऊपर नहीं हूं तथा पार्टी से आगे जाकर ऐसा कोई कार्य नहीं करूंगा जिससे कि पार्टी को नुकसान हो। टिकट की दौड़ में शामिल चपलोत ने टिकिट का निर्णय पार्टी आलाकमान के क्षेत्राधिकार का बताते हुए कहा कि टिकिट सभी मांगते हैं लेकिन किसी एक को ही टिकिट मिलता है। पार्टी ने दलीचंद डांगी को टिकिट दिया है तो हम भी उसके साथ हैं तथा जी जान से विजयी बनाने का प्रयास करेंगे। भाजपा के वरिष्ठ नेता मांगीलाल जोशी भी टिकिट की कतार में थे। टिकट कटने से वे भी खासी नाराजगी प्रकट कर रहे हैं। यहां तक की उन्होने कटारिया की खुलकर मुखालफत करते हुए कहा कि कटारिया ब्रह्म हत्या के दोषी हैं। कटारिया के कारण ही जिले की आठ विधानसभा सीटों पर किसी ब्राह्मण को टिकट नहीं दिया गया है। जोशी ने उदयपुर न्यूभज से दूरभाष पर बात करते हुए कड़ा रोष जताया कि दो दिन में धमाका करने वाला हूं। निर्णय आर-पार का होगा।
बागियों का बन सकता है अखाड़ा : मावली विधानसभा सीट पर यों तो कांग्रेस के पुष्करलाल डांगी, भाजपा के दलीचंद डांगी एवं बसपा के राजकुमार श्रीमाली मैदान में हैं लेकिन टिकट वितरण के बाद की स्थितियां पल-पल बदल रही है तथा आसार बन रहे हैं कि मावली का चुनावी दंगल बागियों से भी सरोबार रहेगा। इसके अलावा भी भाजपा महिला मोर्चा गिर्वा मण्डल की महामंत्री हेमलता वैष्णव भी इस बात से खफा है कि महिलाओं को मावली से आज दिन तक तव्वजो नहीं मिली। मावली विधानसभा सीट सामान्य होने से कई लोगों की नजरें इसी पर गढ़ी हैं तथा अपने मन में विधायक बनने के मंसूबे पाल रहे लोग ऐन वक्तस पर भी मैदान में आ सकते हैं। ऐसे में मुकाबला रोचक रहने की संभावना है।
राहुल चावड़ा