1287 तेला तपस्वियों का अभिनंदन
फतहनगर में होंगे आखातीज के पारणे
धूमधाम से मना मानजी स्वामी का जन्म-दीक्षा एवं निर्वाण दिवस
फतहनगर. मेवाड़ प्रवर्तक महाश्रमण मदन मुनि ने कहा कि हमें महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेकर अपने जीवन का उद्धार करना चाहिए। मानजी स्वामी ने बचपन में ही दीक्षा लेकर धर्म का प्रचार किया। उनके उपकारी जीवन ने धर्म को बचाया। जीवन में चिंतन करें तथा गुरू के प्रति श्रद्धा का भाव रखें।
वे शुक्रवार को जिले की मावली तहसील के घासा गांव में तेला तप अभिनन्दन एवं मानजी स्वामी के जन्म-दीक्षा एवं निर्वाण दिवस समारोह के अवसर पर बोल रहे थे। उप प्रवर्तक डॉ. सुभाष मुनि ने कहा कि मानजी स्वामी का जीवन अनुशासित, प्रेरणादायी था जिससे वे युगदृष्टा एवं युग पुरुष कहलाए। उन्होंने कहा कि संत संस्कारवान घर से निकल कर आते हैं। मानजी स्वामी ने अज्ञान रूपी अंधकार को दूर कर ज्ञान रूपी उजाला फैलाया। श्रावक-श्राविकाओं से कहा कि वे ज्ञान के अंहकार में फूले नहीं। समारोह में प्रदीप मुनि, रविन्द्र मुनि, धीरज मुनि एवं लोकेश मुनि आदि ने भी प्रवचन प्रदान किए। संतों के अलावा उदयपुर की महापौर रजनी डांगी,हिम्मत बड़ाला, नरेन्द्र सेठिया, देशबंधु हिंगड़, ऊंकारलाल सिरोया आदि ने भी विचार व्यक्त किए। चन्द्रसिंह मारू, इन्द्रसिंह सुराणा, अखिलेश चण्डालिया, रीना कोठारी, अनामिका तलेसरा आदि ने गीतिका एवं मानजी स्वामी के जीवन से जुड़े प्रसंग प्रस्तुत किए। अतिथियों के हाथों मानजी स्वामी के जीवन पर आधारित पुस्तक का विमोचन भी किया गया।
अध्यक्षता जैन कॉन्फ्रेंस नई दिल्ली के निवर्तमान अध्यक्ष केसरीमल बुरड़ ने की जबकि सनवाड़ श्रीसंघ प्रमुख बाबुलाल उनिया, कुन्दनमल सेठिया, गणेशलाल मेहता, अम्बागुरू शोध संस्थान अध्यक्ष अम्बालाल नवलखा, पारसमल बाफना आदि मुख्य अतिथि थे जबकि जैन कॉन्फ्रेंस राजस्थान के प्रान्तीय अध्यक्ष कंवरलाल सूर्या, पावनधाम फतहनगर के अध्यक्ष मनोहरलाल लोढ़ा, फतहनगर श्रीसंघ प्रमुख पूरणमल सिंयाल, इन्द्रमल लोढ़ा, ऊंकारलाल सिरोया, महावीर धाकड़, सुजानमल बुरड़, देशबंधु हिंगड़, हर्ष कुमार ओस्तवाल, भैरूलाल खाबिया, प्रमिला सूर्या, भंवरलाल बाफना, रंगलाल इंटोदिया, मनोहर सिंघवी, अशोक चोरडिय़ा, नन्दलाल रायसोनी, रोशन पगारिया, इन्द्रमल लोढ़ा, बाबूलाल बड़ाला, सुरेश बड़ाला, महेन्द्र ठाकुरगोता आदि बतौर अतिथि विशेष शामिल हुए।
पारणा महोत्सव की घोषणा पर की हर्ष ध्वनि : मेवाड़ प्रवर्तक मदन मुनि ने प्रवचन के दौरान ही 2014 में आखा तीज के पारणे फतहनगर के पावनधाम पर होने की घोषणा की। इस घोषणा पर समारोह में उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं ने हर्ष घ्वनि की। इसके अलावा मेवाड़ प्रवर्तक ने 4 जनवरी को पावनधाम में अम्बालालजी म.सा. की पुण्यतिथि समारोह पूर्वक मनाने की घेषणा भी की। दो कार्यक्रम मिलने पर फतहनगर में भी हर्ष की लहर है।
तपस्वियों का किया अभिनन्दन: वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ घासा के तत्वावधान में आयोजित तेला तप अभिनन्दन में 1287 पारणे हुए। समारोह से पहले तपस्वियों के पारणे करवाए गए तथा समारोह में तपस्वियों का बहुमान किया गया। पारणे के तपस्वी प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से परिजनों के साथ उपस्थित हुए। इससे घासा गांव में जनमेदिनी उमड़ पड़ी। समारोह का पाण्डाल तक छोटा पड़ गया। कार्यक्रम के दौरान तपस्वियों के बहुमान के अलावा चातुर्मास के दौरान जिन भामाशाहों ने भोजनशाला में आर्थिक सहयोग प्रदान किया उनका भी बहुमान किया गया। पत्रिका सौजन्य के लाभार्थी देवीलाल चण्डालिया, गौतम प्रसादी के लाभार्थी शंकरलाल चण्डालिया आदि का भी बहुमान किया गया।
अतिथि स्वागत एवं बहुमान घासा श्रीसंघ के माधवलाल बड़ालमिया, भगवतीलाल, पूरणमल, चातुर्मास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष लक्ष्मीलाल डांगी, नरेन्द्र चण्डालिया, समरथलाल बड़ालमिया, शंकरलाल चण्डालिया, संतोष डांगी, मंजु चण्डालिया, राकेश डांगी, देवीलाल, शंकरलाल परमार, बसन्तीलाल डांगी, दिनेश कुमार आदि ने किया। संचालन अनिल डांगी एवं बसन्तीलाल डांगी ने किया।
एक शाम नाकोड़ा भैरव के नाम आज: श्री नाकोड़ा मित्र मण्डल घासा के तत्वावधान में ही शनिवार को एक शाम नाकोड़ा भैरव के नाम भक्ति संध्या का आयोजन किया जाएगा। घासा के होली चौक स्थित शुभम् वाटिका में सायं 7 बजे शुरू होने वाली इस भजन संध्या में भजन गायक विनित गैमावत एण्ड पार्टी मुम्बई भजनों की प्रस्तुतियां देगी। इस अवसर पर नाकोड़ा भैरव की 1008 दीपकों से महा आरती मुख्य आकर्षण होगी।