Udaipur. पूर्व प्रान्तपाल निर्मल सिंघवी ने कहा कि रोटरी फाउण्डेशन ऐसे सेवा कार्यों के लिए फण्ड देता है जो जनहित से जुड़े हो। फाउण्डेशन द्वारा जल प्रबन्धन, स्वास्थ्य, साक्षरता, शिक्षा, शांति स्थापना सहित अनेक सेवा कार्यो पर फण्ड मुहैया कराया जाता है। यह धन रोटरी डिस्ट्रिक्ट द्वारा दिये जाने वाले योगदान के बराबर होता है।
वे कल रोटरी क्लब उदयपुर द्वारा रोटरी बजाज भवन में आयोजित रोटरी फाउण्डेशन एवं फण्डिंग तथा रोटरेक्ट व इन्टरेक्ट में युवा विषयक वार्ता में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि रोटरी फाउण्डेशन डिस्ट्रिक्ट ग्रान्ट, ग्लोबल ग्रान्ट, पैकेज ग्रान्ट के तहत फ्यूचर विज़न प्लान, डिजिज प्रिवेन्शन एण्ड ट्रीटमेन्ट सहित विभिन्न सेवा कार्यों हेतु धन उपलब्ध कराया जाता है। यह धन मेचिंग ग्रान्ट के जरिये कम से कम 15 हजार डॉलर तथा अधिकतम 2 लाख डॉलर के प्रोजेक्ट में मुहैया कराया जाता है। उन्होनें बताया कि उक्त धन रोटरी सदस्यों द्वारा रोटरी फाण्डेशन में पीएचएफ, एमपीएचएफ, मेजर डॉनर बनने वाले सदस्यों से प्राप्त राशि से सेवा कार्य किये जाते है। किसी भी डिस्ट्रिक्ट से प्राप्त होने वाली राशि का आधा भाग पुन: उसी डिस्ट्रिक्ट में 3 वर्ष मेचिंग ग्रान्ट के जरीये लौट आता है।
रोटरी की नींव इन्टरेक्ट क्लब – अन्य मुख्य वक्ता डॅा. प्रदीप कुमावत ने रोटरेक्ट व इन्टरेक्ट में युवा विषयक वार्ता में बोलते हुए कहा कि रोटरी द्वारा किये जाने वाले सेवा कार्यो में अग्रणी भूमिका 14 से 18 वर्ष तक के युवाओं के गठित क्लब इन्टरेक्ट द्वारा की जाती है। यह कहा जा सकता है कि रोटरी की नींव है इन्टरेक्ट क्लब। इन्टरेक्ट क्लब रोटरी द्वारा किये जाने वाले सेवा कार्यो विस्तृत रूप मे फैलाता है। डॅा. कुमावत ने बताया कि 18 से 30 वर्ष तक के प्रोफेशनल एवं कॉलेज स्तरीय विद्यार्थियों को लेकर गठित रोटरेक्टर्स के जरीये समाज में एड्स के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए ताकि युवा पीढ़ी को इस ओर से जाने से रोका जा सके। 1962 में इन्टरेक्ट क्लब का मेलबोर्न में व 1968 में रोटरेक्ट क्लब का नॉर्थ केरोलीना में गठन किया गया। प्रारम्भ में क्लब अध्यक्ष बी.एल.मेहता ने बताया कि इस वार्ता के आयोजन से क्लब सदस्यों में रोटरी फाण्डेशन के कार्यक्रमों की जानकारी को फैलाना है। सचिव सुरेन्द्र जैन ने बताया कि रोटरी क्लब उदयपुर व हिजिंलि वेदान्ता ग्रुप के तत्वावधान में 11 से 17 नवंबर तक मधुमेह रोग निवारण जागरूकता कार्यक्रम होंगे। अंत में संजय भटनागर व रमेश चौधरी ने वक्ताओं को स्मृति चिन्ह प्रदान किये।