Udaipur. वरिष्ठजन समाज की धरोहर हैं जिन्हें सुरक्षित समाज का कर्तव्य है। इनके पास संरक्षित ज्ञान एवं अनुभव से समाज को उपयोगी बनाया जा सकता है। महाराणा प्रताप वरिष्ठ नागरिक संस्थान द्वारा अशोकनगर स्थित विज्ञान समिति में आयोजित दीपावली स्नेह मिलन में मुख्य वक्ता भंवर सेठ ने उक्त बात कहीं।
उन्होंने कहा कि देश में 60 वर्ष से अधिक आयु के करीब 12 प्रतिशत वरिष्ठ नागरिक है। जिन्होंने राष्ट्र एवं समाज निर्माण में महतवपूर्ण योगदान दिया है। अब अवसर आया है कि हम समाज के प्रति उनके ऋण का चुकाकर समाज सेवा में अपनी सेवाओं को अर्पित करते हुए अपने पास संरक्षित अनुभवों की अपार सम्पदा को समाज को समर्पित करें।
उन्होंने कहा कि युवाओं के पास ज्ञान का खजाना है। यदि उन्हें बुजुर्गो का अनुभव रूपी आशीर्वाद मिल जाए तो देश में विकास की काया पलट सकती है। संसथान समय-समय पर सेवा के अनेक अवसर उपलब्ध कराता है। सेठ ने बताया कि दीपावली मनाने के पीछे एक उद्देश्य नहीं वरन् अनेक कारण है जिनमें मुख्य रूप से महावीर का निर्वाण,उनके उपदेश को प्रचारित करना है, अंध विश्वास एवं कुरीतियों के विरूद्ध संघर्ष करने वाले स्वामी दयानन्द सरस्वती का भी निर्वाण दिवस ,वेदों के ज्ञाता स्वामी रामतीर्थ ने भी इसी दिन जल समाधि ली थी, वहीं सिक्खों के 6 ठें गुरू हरगोविन्द साहब ने स्वयं व 56 राजाओं को इसी मुगल शासकों को आजाद कराया था और इसी दिन सन् 1577 में स्वर्ण मन्दिर की नींव रखी गई थी। इस मायनें में भी दीपावली का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
मुख्य अतिथि के. एल. कोठारी ने कहा कि दीपावली के दीए जलाकर न सिर्फ अपना वरन् औरों का भी घर रोशन करना चाहिए। कार्यक्रम में डी. एस. मेहता, बी. एल. बक्षी, उमाशंकर अग्रवाल, के. के. सहलोत, सी. एस. सनाढ्य, प्रेमप्यारी भटनागर, श्रीमती तारा दीक्षित, सुशीला कच्छारा, श्रीमती दिलखुश सेठ,सुरेश कटारिया,पुष्पा मेहता, खुशबू जैन, नरेश शर्मा, विमला सरूपरिया, शांता गंगानी, डॅा. सुजानसिंह, सरला कटारिया ने अपनी रनाएं प्रसतुत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता अध्यक्ष सी.एल.कच्छारा ने की। संचालन मानमल कुदाल ने किया।