कार्तिक पूर्णिमा पर जगमंदिर में ‘ब्रह्मांजलि 2013’
Udaipur. सृष्टि की रचना करने वाले पितामह की ध्यानोपासना का पर्व कार्तिक पूर्णिमा, उन्मुक्त गगन में अपनी सोलह कलाओं से पृथ्वीवासियों को अमृत लुटाकर मुस्कान बिखेरता चंद्रमा और उदयपुर की प्राणधार पीछोला की निर्मल जलराशि पर जगमग जगमंदिर।
एक नहीं अनेक रंगों के प्रकाश में नहाती इस रमणीक स्थली पर रविवार शाम पूर्ण चंद्रोदय के साथ ही मृंदग एवं घुंघरूओं की झंकार पर प्रसिद्ध कत्थक कलाकार रमा वैद्यनाथन एवं उनकी पुत्री दक्षिणा वैद्यनाथन ने भावपूर्ण प्रस्तुतियां दी। रविवार शाम जगमंदिर में महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन तथा एचआरएच ग्रुप ऑफ होटल्स के संयुक्त तत्वावधान में भरतनाट्यम पर आधारित कार्यक्रम ‘ब्रह्मांजलि 2013’ संपन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि फाउण्डेशन के प्रबंध न्यासी एवं अध्यक्ष अरविंदसिंह मेवाड़ थे। दोनों कलाकारों ने ब्रह्मा संप्रदाय, ब्रह्मा बीज मंत्र, ब्रह्मा प्रिया, ब्रह्म लोक, ब्रह्म कथा, ब्रह्मा गायत्री मंत्र पर बेहद भावपूर्ण भावभंगिमाओं के साथ कत्थक प्रस्तुति दी। इनके साथ नातुवंगम पर के. शिवकुमार, मृदंग पर अरूण कुमार एवं बांसुरी पर रजत प्रसन्ना ने प्रस्तुति दी। संगीत पर आवाज के. वेंकटेश्वरन की थी। मंच की विद्युत सज्जा सी. वी. कामेश ने संभाली। सभी कलाकारों को पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में विजयराज कुमारी मेवाड़ तथा लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ उपस्थित थे। संचालन नेहा श्रीवास्तव ने किया।